महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दलों का ऐसा दलदल बन गया है कि वोटर भी कंफ्यूज है इधर जाऊं या उधर जाऊं! सत्ताधारी महायुति में ही कुछ सीटों पर ऐसी लड़ाई हो रही है, जहां BJP, शिंदे सेना और अजित पवार की NCP ही आमने-सामने हैं। युवा स्वाभिमान पार्टी के बडनेरा विधायक रवि राणा को बीजेपी ने समर्थन दिया है। जबकि दरियापुर में युवा स्वाभिमान पार्टी के उम्मीदवार रमेश बुंदिले को बीजेपी ने समर्थन नहीं दिया है। उसी तरह मोर्शी में बीजेपी का मुकाबला राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार) से है, यहां पर महायुति में दोस्ताना लड़ाई है।
मोर्शी और दरियापुर दोनों ही सीटें महायुति के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। बडनेरा विधायक रवि राणा की युवा स्वाभिमान पार्टी के दो उम्मीदवार मैदान में हैं, एक रवि राणा बडनेरा से और दूसरे रमेश बुंदिले दरियापुर से। हालांकि, बीजेपी ने रवि राणा को तो समर्थन दिया है, लेकिन दरियापुर में बुंदिले को समर्थन नहीं दिया है।
महायुति उम्मीदवार की बढ़ रही मुश्किलें
हालांकि, रमेश बुंदिले के चुनाव प्रचार के पम्पलेट और बैनर पर BJP सांसद और जिला अध्यक्ष डॉ, अनिल बोंडे और बीजेपी नेता और पूर्व सांसद नवनीत राणा की तस्वीरें लगाई गई हैं।
चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराने की चेतावनी के बावजूद डॉ. बोंडे की तस्वीर नहीं हटाई गई है। इस सब से दरियापुर में महायुति और शिवसेना उम्मीदवार अभिजीत अडसुल की सिरदर्दी बढ़ गई है।
BJP नेता शिवसेना उम्मीदवार के खिलाफ
इतना ही नहीं बीजेपी नेता नवनीत राणा जिले में बीजेपी उम्मीदवार के लिए तो प्रचार कर रही हैं, लेकिन वह दरियापुर में अभिजीत अडसुल के साथ नहीं हैं। कुछ ऐसा ही हाल अमरावती का है, जहां NCP (अजित पवार) की सुलभा खोडके अभी तक अमरावती में प्रचार के लिए आगे नहीं आई हैं, जो महायुति में फूट की ओर इशारा करता है।
नवनीत राणा ने शुरू से ही अभिजीत अडसुल की उम्मीदवारी का विरोध किया था। उनकी असली आपत्ति इस बात पर है कि अडसुल ने लोकसभा चुनाव में राणा के खिलाफ स्टैंड लिया था। लेकिन, महायुति में शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के यह सीट छोड़ने के बाद दरियापुर मामले में नवनीत राणा का अलग रुख भी चर्चा में आ गया।
मोर्शी में घड़ी नहीं कमल चाहिए
मोर्शी में भी महायुति में दोस्ताना मुकाबला हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को वरूड में बीजेपी उम्मीदवार उमेश यावलकर के लिए प्रचार के लिए बैठक की। बैठक में पहुंचने में देरी होने के कारण शाह ने अपना भाषण पांच मिनट में ही पूरा कर लिया, लेकिन इस बार उन्हें अपील करनी पड़ी कि मोर्शी विधानसभा क्षेत्र में हमें सिर्फ कमल चाहिए, घड़ी तो बिल्कुल नहीं।
राज्य में महायुति मिलकर चुनाव लड़ रहा है। मोर्शी विधानसभा क्षेत्र में, उमेश यावलकर बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं और देवेंद्र भुयार NCP से मौजूदा विधायक हैं। इसलिए यहां महायुति में फूट दिख रही है। राजनीति में इस घालमेल के कारण मतदाता भी भ्रमित है।