Maharashtra Chunav: वर्ली विधानसभा सीट पर ये मुद्दे होंगे अहम, आदित्य ठाकरे का स्टेटस उनके लिए ही कहीं बन न जाए मुश्किल!

Worli Assembly Seat: वर्ली मुंबई शहर जिले में स्थित 10 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। इस बार वर्ली में मुकाबला बड़ा ही रौचक होने वाला है। क्योंकि इस बार शिवसेना के दो टुकड़े हो चुके हैं। एकनाथ शिंदे ने इस बार आदित्य ठाकरे के सामने कांग्रेस से आए शिवसेना में आए मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतारा है

अपडेटेड Nov 10, 2024 पर 10:35 PM
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Maharashtra Chunav: वर्ली विधानसभा सीट पर ये मुद्दों होंगे अहम, आदित्य ठाकरे का स्टेटस उनके लिए ही कहीं बन न जाए मुश्किल!

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हर दल मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक लुभावन वादे कर रहा है, खासकर युवा, किसान और महिलाओं के लिए काफी ज्यादा ऐलान किए जा रहे हैं। हालांकि, हर विधानसभा क्षेत्र के अपने-अपने कुछ मुद्दे होते हैं। ऐसे में वहां का मतदाता यही उम्मीद करता है कि वह जिसे चुना, वो उनकी समस्याओं का समाधान भी करे। इसी कड़ी में एक नजर डालते हैं वर्ली विधानसभा के अहम और लोकल मुद्दों पर। अभी यहां से शिवसेना (UBT) के आदित्य ठाकरे विधायक हैं।

वर्ली मुंबई शहर जिले में स्थित 10 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। इस बार वर्ली में मुकाबला बड़ा ही रौचक होने वाला है। क्योंकि इस बार शिवसेना के दो टुकड़े हो चुके हैं। एकनाथ शिंदे ने इस बार आदित्य ठाकरे के सामने कांग्रेस से आए शिवसेना में आए मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतारा है। जबकि आदित्य के चाचा राज ठाकरे ने अपने सबसे खास संदीप देशपांडे को उम्मीदवारी देकर मुकाबला रोचक कर दिया।

क्या हैं वर्ली के चुनावी मुद्दे?


लगभग 65 प्रतिशत मराठी मतदाताओं वाला वर्ली अपने मछली पकड़ने वाले गांव या वर्ली कोलीवाड़ा और बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों के लिए जाना जाता है। वर्ली से जुड़े कुछ प्रमुख मुद्दों में बांद्रा-वर्ली सी लिंक, कोलीवाड़ा पुनर्विकास और वर्ली कोलीवाड़ा को स्लम एरिया घोषित करने के कारण मछली पकड़ने की जगहों में आई कमी शामिल है।

मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में झुग्गी पुनर्वास परियोजनाएं कछुए की रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं। इसके अलावा, कुछ पुनर्विकसित इमारतों के निवासियों को वादा के मुताबिक, मासिक किराया भी नहीं मिला है।

महाराष्ट्र नवनिर्माल सेना के उम्मीदवार संदीप देशपांडे ने यह भी दावा किया कि आदित्य ठाकरे आम लोग की पहुंच से भी काफी दूर हैं। उन्होंने कहा कि जनता को एक कुशल विधायक की जरूरत है।

कैसे थे पिछले चुनाव के नतीजे?

गौरतलब है कि MNS ने 2019 के विधानसभा चुनाव में आदित्य ठाकरे के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। हालांकि, 2024 में, जब लोकसभा चुनाव में वर्ली में शिवसेना (UBT) की बढ़त 7,000 से भी कम वोटों तक गिर गई, तो MNS को लगा कि उसके पास अब अपना उम्मीदवार खड़ा करने का मौका है।

साल 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना (UBT) के आदित्य ठाकरे को 89,248 वोट मिले और उन्होंने यहां से जीत हासिल की। इसके बाद दूसरे नंबर पर NCP के सुरेश माने को 21,821 वोट मिले, जबकि तीसरे नंबर पर विंचित बहुजन आघाड़ी के गौतम गायकवाड़ को 6,572 वोट मिले थे।

वहीं अगर 2014 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें, तो शिवसेना के सुनील शिंदे को 60,625 वोट के साथ जीत मिली। उनके बाद NCP के सचिन अहीर को 37,613 वोट मिले और तीसरे नंबर पर बीजेपी के सुनील राणे को 30,849 वोट मिले थे।

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Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Nov 10, 2024 10:11 PM

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