Get App

Rajasthan assembly elections results : राजस्थान में नहीं टूटी परंपरा, आखिर क्यों अशोक गहलोत के हाथ से फिसल गई सत्ता?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक के बाद एक इतनी स्कीमों का ऐलान किया था, जिससे उन्हें उम्मीद थी की राज्य की जनता उन्हें दोबारा सत्ता में लाएगी। लेकिन, गहलोत की रणनीति फेल करती दिख रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अशोक गहलोत के सामने इस बार बड़ी चुनौतियां थीं। एक तरह से कांग्रेस के चुनाव प्रचार का दारोमदार उनके कंधे पर था। उन्होंने पूरी कोशिश भी की। लेकिन, बेरोजगारी, गरीबी और युवाओं का आक्रोश जीत की उनकी उम्मीदों पर भारी पड़ा

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 03, 2023 पर 9:41 AM
Rajasthan assembly elections results : राजस्थान में नहीं टूटी परंपरा, आखिर क्यों अशोक गहलोत के हाथ से फिसल गई सत्ता?
राज्य में बेरोजगारी दर FY23 में 4.4 फीसदी रही। यह पूरे देश की औसत 3.2 फीसदी बेरोजगारी दर से ज्यादा है। पिछले कुछ सालों में रोजगार चुनावों में बड़े मसले के रूप में उभर कर सामने आया है। रोजगार नहीं मिलने से राजस्थान में युवाओं के बीच सरकार के खिलाफ आक्रोश था।

Rajasthan assembly elections results : अब तक आए चुनावी नतीजों से राजस्थान में कांग्रेस पिछड़ती दिख रही है। इसका मतलब है कि राजस्थान में पिछले तीन दशक की परंपरा टूटने नहीं जा रही है। हालांकि, इस बार परंपरा टूटने की उम्मीद की जा रही थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक के बाद एक इतनी स्कीमों का ऐलान किया था, जिससे उन्हें उम्मीद थी की राज्य की जनता उन्हें दोबारा सत्ता में लाएगी। लेकिन, गहलोत की रणनीति फेल करती दिख रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अशोक गहलोत के सामने इस बार बड़ी चुनौतियां थीं। एक तरह से कांग्रेस के चुनाव प्रचार का दारोमदार उनके कंधे पर था। उन्होंने पूरी कोशिश भी की। लेकिन, बेरोजगारी, गरीबी और युवाओं का आक्रोश जीत की उनकी उम्मीदों पर भारी पड़ा। आइए जानते हैं आखिर गहलोत क्यों जनता का भरोसा नहीं हासिल कर सके:

खराब आर्थिक स्थिति

राज्य की जीडीपी की ग्रोथ FY22 में अच्छी रही थी। लेकिन FY23 में इसमें गिरावट देखने को मिली। राजस्थान का राजकोषीय घाटा पिछले कुछ सालों में 4 फीसदी से ज्यादा रहा है। राज्य के FRBM एक्ट के मुताबिक, इसका 3 फीसदी तक रहना जरूरी है। गहलोत का एक के बाद एक स्कीमों के ऐलान करने के पीछे का मकसद लोग संभवत: समझ रहे थे। उन्हें लग रहा था कि गहलोत के लिए इन योजनाओं के लिए पैसे का इंतजाम करना मुमकिन नहीं होगा। ऐसे में इन योजनाओं को लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया।

बेरोजगारी दर

राज्य में बेरोजगारी दर FY23 में 4.4 फीसदी रही। यह पूरे देश की औसत 3.2 फीसदी बेरोजगारी दर से ज्यादा है। पिछले कुछ सालों में रोजगार चुनावों में बड़े मसले के रूप में उभर कर सामने आया है। रोजगार नहीं मिलने से राजस्थान में युवाओं के बीच सरकार के खिलाफ आक्रोश था। बार-बार प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक के मामलों से भी युवाओं के बीच सरकार की छवि खराब हुई। गहलोत सरकार युवाओं का भरोसा हासिल करने में नाकाम रहे। उधर, गहलोत और सचिन पायलट के बीच लगातार जारी लड़ाई का असर भी युवाओं पर पड़ा। युवाओं के बीच गहलोत के अलावा पायलट की ज्यादा पैठ है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें