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Rajasthan Election 2023 : राज्यवर्धन सिंह राठौर ने BJP में 'ऑल इज वेल' का दावा किया, कहा-हम जीतने जा रहे

राठौड़ को राजस्थान भाजपा के हाई प्रोफाइल नेताओं में से एक माना जाता है। शूटिंग में ओलंपिक मेडल हासिल कर चुके राठौड़ दो बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल में वह केंद्र में मंत्री भी थे। वह उन कुछ सासंसदों में शामिल हैं, जिन्हें पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनाव में उतारा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 31, 2023 पर 4:05 PM
Rajasthan Election 2023 : राज्यवर्धन सिंह राठौर ने BJP में 'ऑल इज वेल' का दावा किया, कहा-हम जीतने जा रहे
राज्य में पेपर लीक के मामलों के बारे राठौड़ ने कहा कि पेपर लीक के कुल 22 मामले आए हैं। इनमें से 19 कांग्रेस के कार्यकाल से जुड़े हैं। इसका मतलब है कि कांग्रेस के शासन में पेपर लीक एक उद्योग बन गया है। ऐसे मामलों के पीछे उन लोगों का हाथ है, जिनका संबंध सत्ता में बैठे लोगों से है।

क्या विधानसभा चुनावों से पहले राजस्थान BJP में सबठीक चल रहा है? अगर आप राज्यवर्धन सिंह राठौर (Rajyavardhan Singh Rathore) की मानें तो पार्टी की राजस्थान इकाई में किसी तरह की दिक्कत नहीं है। राठौर सांसद हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें इस बार चुनावी मैदान में उतारा है। वह झोटवाड़ा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। हाल में टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध के बारे में पूछने पर राठौड़ ने कहा कि सभी कार्यकर्ता सिर्फ चुनाव में जीत हासिल करना चाहते हैं। राठौड़ को राजस्थान भाजपा के हाई प्रोफाइल नेताओं में से एक माना जाता है। शूटिंग में ओलंपिक मेडल हासिल कर चुके राठौर दो बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल में वह केंद्र में मंत्री भी थे। वह उन कुछ सासंसदों में शामिल हैं, जिन्हें पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनाव में उतारा है।

पेपर लीक मामलों में कांग्रेस का हाथ

राज्य में पेपर लीक के मामलों के बारे राठौर ने कहा कि पेपर लीक के कुल 22 मामले आए हैं। इनमें से 19 कांग्रेस के कार्यकाल से जुड़े हैं। इसका मतलब है कि कांग्रेस के शासन में पेपर लीक एक उद्योग बन गया है। ऐसे मामलों के पीछे उन लोगों का हाथ है, जिनका संबंध सत्ता में बैठे लोगों से है। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि इससे राज्य के युवाओं को भारी नुकसान हो रहा है। पैसे और समय के लॉस के साथ ही उनका भरोसा घट रहा है। यह राज्य के युवाओं के साथ ज्यादती है। क्या आप युवाओं को यही चीज देना चाहते हैं? सरकार का कार्यकाल खत्म होने से दो दिन पहले कानून बनाए जा रहे हैं। यह हास्यस्पद है।

सख्त कार्रवाई से बदलेंगे हालात

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