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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के लिए प्रयागराज के साथ सज रही अयोध्या, श्रद्धालुओं के ठहरने का खास इंतजाम

Maha Kumbh 2025: हर 12 साल में होने वाला महाकुंभ उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। महाकुंभ में करीब 45 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। महाकुंभ को लेकर तैयारियां सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं हो रही है। बल्कि इसका उसर प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी होने जा रहा है

Akhileshअपडेटेड Jan 07, 2025 पर 7:39 PM
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के लिए प्रयागराज के साथ सज रही अयोध्या, श्रद्धालुओं के ठहरने का खास इंतजाम
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज से लेकर अयोध्या तक श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से लगने वाले महाकुंभ के आयोजन के पहले उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी में देश के कोने कोने से आए साधुओं के अलावा विदेश से भी साधु-संतों के आने का सिलसिला जारी है। सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ को लेकर तैयारियां सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं हो रही है। बल्कि इसका असर यूपी के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी होने जा रहा है। महाकुंभ 2025 के श्रद्धालुओं और पर्यटकों का प्रयागराज के साथ-साथ अयोध्या में भी बड़ी संख्या में आने की उम्मीद है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन स्थानों पर भी मूलभूत सुविधाएं विकसित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

अनुमानित 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए, इन सभी धार्मिक स्थलों पर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। मूलभूत सुविधाओं को तैयार किया जा रहा है। इसमें ट्रैफिक व्यवस्था और आवास सुविधाओं का विकास, स्वच्छता एवं पेयजल की व्यवस्था, मेडिकल सुविधाएं और सुरक्षा मैनेजमेंट शामिल हैं। विशेष रूप से प्रयागराज में त्रिवेणी संगम क्षेत्र, अयोध्या में राम मंदिर कैंपस, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा रूट्स पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन सभी स्थलों पर श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

आईएएनएस के मुताबिक, नगर विकास विभाग ने धार्मिक स्थलों के लिए लगभग 65 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित की है। इसमें अयोध्या के लिए 12.41 करोड़ रुपये, अयोध्या यूपीएसटीडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम) के लिए 5.25 करोड़ रुपये, मिर्जापुर के लिए 10.87 करोड़ रुपये, चित्रकूट के लिए 4.85 करोड़ रुपये, भदोही के लिए 1.38 करोड़ रुपये और लखनऊ के लिए 28.68 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है। प्रस्तावित मूलभूत सुविधाओं में अस्थायी आवासीय व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी और स्विस कॉटेज की स्थापना की जा रही है।

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