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Mahashivratri 2025: तांत्रिकों के लिए वरदान है महाशिवरात्रि! जानें इस रात की गुप्त साधना और सिद्धि का रहस्य

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर भक्त व्रत, जागरण और शिव आराधना कर मोक्ष की कामना करते हैं। इस पावन रात में तंत्र साधक अपनी सिद्धियों को जाग्रत करने हेतु विशेष साधनाएं करते हैं। शिवलिंग अभिषेक, मंत्र जाप और ध्यान से आत्मिक शुद्धि व ऊर्जा प्राप्त होती है। यह रात्रि आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मकता का द्वार खोलती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 26, 2025 पर 3:41 PM
Mahashivratri 2025: तांत्रिकों के लिए वरदान है महाशिवरात्रि! जानें इस रात की गुप्त साधना और सिद्धि का रहस्य
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि की रात तंत्र साधकों के लिए विशेष होती है

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि एक विशेष आध्यात्मिक पर्व माना जाता है, जो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण भगवान शिव की आराधना में लीन होकर व्रत, उपवास और रात्रि जागरण करते हैं। शास्त्रों में इस रात को दिव्य और फलदायी बताया गया है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन शिव भक्ति से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि की रात तंत्र साधकों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वे इस दौरान अपनी साधना और सिद्धियों को जाग्रत करने के लिए विशेष तंत्र क्रियाएं करते हैं।

शिवलिंग का अभिषेक, मंत्र जाप और ध्यान इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है। यह पावन रात्रि भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है और उनके जीवन में सकारात्मकता और शांति का संचार करती है।

महाशिवरात्रि की रात्रि साधना का महत्व

महाशिवरात्रि की रात जागरण करने से आत्मा शुद्ध होती है और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खुलता है। लोकल 18 से बात करते हुए पंडित आनंद भारद्वाज ने बताया कि, इस रात्रि में शरीर में ऊर्जा का प्रवाह ऊपर की ओर होता है, जिससे ध्यान और साधना का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। शिव भक्ति से हम अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं।

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