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Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर इस विधि से करें तुलसी की पूजा, जानें उपाय और इसका महत्व

सोमवती अमावस्या 2024, जो 30 दिसंबर को सुबह 4:01 बजे शुरू होकर 31 दिसंबर को 3:56 बजे समाप्त होगी। इस दिन वृद्धि योग, ध्रुव योग, शिववास योग और नक्षत्र योग का संयोग बन रहा है। यह दिन भगवान शिव, पितरों और तुलसी पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 23, 2024 पर 5:16 PM
Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर इस विधि से करें तुलसी की पूजा, जानें उपाय और इसका महत्व
इस बार की सोमवती अमावस्या विशेष है क्योंकि इसमें वृद्धि योग, ध्रुव योग, शिववास योग और नक्षत्र योग का संयोग बन रहा है।

सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस बार 30 दिसंबर को साल की आखिरी सोमवती अमावस्या पड़ रही है। यह तिथि काफी शुभ मानी जाती है। इस दिन भगवान शिव, पितरों और तुलसी माता की पूजा का खास महत्व है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और अमावस्या तिथि पितरों से जुड़ी होती है। इसके अलावा, तुलसी को सभी देवी-देवताओं का प्रिय माना जाता है और इसे घर में लगाने से धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। सोमवती अमावस्या पर तुलसी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

इस दिन पूजा विधि के अनुसार, सुबह उठकर स्नान करें, तुलसी के पौधे को गंगाजल से साफ करें, और उसे रोली, चंदन तथा पुष्प अर्पित करें। इसके बाद दीपक जलाकर तुलसी के पौधे के चारों ओर 108 बार परिक्रमा करें और ‘ॐ श्री तुलसी माते नमः’ का जाप करें। इस दिन व्रत रखना और पितरों का तर्पण भी शुभ माना जाता है।

पूजा की विधि और सामग्री

सोमवती अमावस्या पर तुलसी पूजा करने के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जिसमें तुलसी का पौधा, गंगाजल, रोली, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, कच्चा दूध, मिठाई और सुहाग का सामान शामिल हैं।

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