अडानी ग्रुप की कंपनियों ने नए लोन के लिए नहीं बल्कि टॉप-अप के तौर पर शेयरों को गिरवी रखा है। एसबीआईकेप ट्रस्टी (SBICap Trustee) का कहना है कि अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों ने सिक्योरिटी कवरेज को मेंटेन करने के लिए जरूरी टॉप-अप के तौर पर ये शेयर गिरवी रखे हैं। एसबीआईकैप ट्रस्टी ने 10 फरवरी को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक एसबीआई कैप ट्रस्टी के पास अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर गिरवी हैं। एसबीआईकैप ट्रस्टी एसबीआई की सब्सिडियरी है। इस प्रकार अब अडानी ग्रीन (Adani Green) के 1.06 फीसदी, अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) के 1.00 फीसदी और अडानी ट्रांसमिशन के 0.55 फीसदी शेयर गिरवी हैं।
किस प्रोजेक्ट के लिए गिरवी हैं Adani Group के शेयर
एसबीआईकैप ट्रस्टी के मुताबिक अडानी ग्रुप ने कर्माइकल माइन (Carmichael Mine) को डेवलप करने के लिए यह लोन लिया हुआ है। हालांकि इस लोन के लिए ग्रुप को 140 फीसदी का मार्जिन रखने की जरूरत है। चूंकि इस समय अडानी ग्रुप के शेयरों की स्थिति सही नहीं चल रही है तो एसबीआईकैप ट्रस्टी ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि कर्माइकल प्रोजेक्ट ऑपरेशनल है और इससे कमाई हो रही है। ट्रस्टी के मुताबिक इसके सभी एक्सपोजर प्रोजेक्ट्स की संपत्तियों से होने वाले EBITDA के जरिए सिक्योर्ड हैं। ट्रस्टी का कहना है कि अडानी ग्रुप को दिए गए लोन को लेकर कोई चुनौती नहीं है क्योंकि ग्रुप पर्याप्त मजबूत है और इसके कैशफ्लो सरप्लस है।
Hindenburg की रिपोर्ट से Adani Group पर बिकवाली का दबाव
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया है। इसके बाद से अडानी ग्रुप के कंपनियों पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है। हालांकि अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों से इनकार किया है।