ऑटोमोबाइल कंपनी Volkswagen की 1.4 अरब डॉलर के टैक्स बिल को रद्द करने की मांग पर सहमत होने से नतीजे बेहद नुकसानदायक होंगे। साथ ही इससे कंपनियों को जानकारी छिपाने और जांच में देरी करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। यह बात केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को कही है। रॉयटर्स के मुताबिक, अदालत के डॉक्युमेंट्स से यह जानकारी सामने आई है। इंपोर्ट ड्यूटी से जुड़े पिछले टैक्सेज को लेकर भारत की अब तक की सबसे अधिक मांग Volkswagen शिपमेंट के 12 वर्षों की जांच के बाद आई है। इसने लंबी जांच को लेकर विदेशी निवेशकों के डर को फिर से जगा दिया है।