देश की पहली इंटरनेशनल बजट एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) को सात साल में पहली बार नेट लॉस हुआ है। एयर इंडिया एक्सप्रेस को वित्त वर्ष 2021-22 में 72.33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जबकि एक वित्त वर्ष पहले 2020-21 में 98.21 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हासिल हुआ था। एयर इंडिया एक्सप्रेस एयर इंडिया (Air India) की एक इकाई है और एयर इंडिया पर टाटा ग्रुप (Tata Group) का स्वामित्व है।
कंपनीज रजिस्ट्रार को दी गई डिटेल्स के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रेस को कोरोना महामारी की दूसरी और तीसरी लहर के चलते झटका लगा। महामारी के चलते क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय बाजार पर असर पड़ा जो एयर इंडिया एक्सप्रेस का कोर बिजनेस है।
Covid ने बिगाड़ी Air India Express की हालत
वित्त वर्ष 2022 के दौरान कोरोना महामारी के चलते कई देशों में कोविड से जुड़े प्रतिबंध लागू थे। भारत ने मार्च 2020 से मार्च 2022 तक विदेशी उड़ानों पर रोक लगा दिया था। एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कंपनीज रजिस्ट्रार के पास जो दस्तावेज जमा किए हैं, उसके मुताबिक विदेशी उड़ानें वंदे भारत मिशन और एयर बबल व्यवस्था के साथ हो रही थी।
ऐसे में एयर इंडिया एक्सप्रेस का कहना है कि कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान कई देशों में यात्रा को लेकर प्रतिबंध के चलते वित्त वर्ष 2022 में 59.9 फीसदी का पैसेंजर लोड फैक्टर बेहतर है। एयर इंडिया एक्सप्रेस 15 विदेशों शहरों- दुबई, शारजाह, रस-अल-खैमाह, अल आइन मस्कट, सलालाह, बहरीन, दोहा, कुवैत, दम्मम, रियाद, जेद्दाह, सिंगापुर और कुआलालम्पुर के लिए उड़ानें भरती हैं।
नुकसान हुआ लेकिन बढ़ी यात्रियों की संख्या
पिछले वित्त वर्ष में विमानन कंपनी को नुकसान झेलना पड़ा लेकिन यात्रियों की संख्या के मामले में आंकड़े बेहतर हैं। पिछले वित्त वर्ष में एयर इंडिया एक्सप्रेस से सालाना आधार पर 56 फीसदी अधिक यानी 22.9 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी। एयर इंडिया एक्सप्रेस की अधिकतर उड़ानें भारत और खाड़ी देशों के बीच में हैं।
एयर इंडिया के बेड़े में 24 बोइंग 737 हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में विमान कंपनी की आय 3522 करोड़ रुपये और खर्च 3251 करोड़ रुपये रही। हालांकि कार्गो कैरेज से रेवेन्यू में 58 फीसदी की उछाल रही। वित्त वर्ष 2022 में कार्गो कैरेज से 209 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ।