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AT1 Bond मामले में Yes Bank अब सुप्रीम कोर्ट में, ये है पूरा मामला

Yes Bank एडीशनल टियर1 (AT1) बॉन्ड्स के राइट डाउन मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा। बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने इस फैसले की जानकारी दी है। दिसंबर तिमाही नतीजे के ऐलान के बाद प्रेस कांफ्रेंस में प्रशांत कुमार ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने कल 20 जनवरी को जब अपना फैसला सुनाया तो तुरंत अनुरोध किया गया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए समय दिया जाए

अपडेटेड Jan 21, 2023 पर 6:09 PM
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यस बैंक के सीईओ प्रशांत कुमार का कहना है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का समय दिया है। इन छह हफ्तों तक हाईकोर्ट का फैसला स्थगित रहेगा।

निजी सेक्टर का दिग्गज बैंक Yes Bank एडीशनल टियर1 (AT1) बॉन्ड्स के राइट डाउन मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा। बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने इस फैसले की जानकारी दी है। दिसंबर तिमाही नतीजे के ऐलान के बाद प्रेस कांफ्रेंस में प्रशांत कुमार ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने कल 20 जनवरी को जब अपना फैसला सुनाया तो तुरंत अनुरोध किया गया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए समय दिया जाए। बैंक ने हाईकोर्ट को अपने फैसले पर स्टे लगाने की मांग की।

क्या है Yes Bank AT1 Bonds मामला

वित्तीय दबावों से जूझते हुए यस बैंक ने मार्च 2020 में बेलआउट के तहत 8415 करोड़ रुपये के एटी1 बॉन्ड्स को राइट ऑफ कर दिया था यानी कि इसकी वैल्यू जीरो कर दी थी। इसके खिलाफ बैंक के एटी1 बॉन्डहोल्डर्स कोर्ट चले गए। बॉन्डहोल्डर्स को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिली लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब बैंक सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एटी1 बॉन्ड्स की वैल्यू जीरो करने को गलत माना था। एटी1 बॉन्ड्स ऐसे बॉन्ड्स हैं जिनकी कोई फिक्स्ड मेच्योरिटी नहीं होती है लेकिन इसमें हाई रिटर्न मिलता है।


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छह हफ्ते में Yes Bank दाखिल करेगा याचिका

यस बैंक के सीईओ प्रशांत कुमार का कहना है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का समय दिया है। इन छह हफ्तों तक हाईकोर्ट का फैसला स्थगित रहेगा। एटी1 बॉन्ड्स मामले में बॉन्डहोल्डर्स ने आरोप लगाया है कि बैंक के कर्मचारियों ने इसे सुपर एफडी कहकर बेचा था और बैंक के फेल होने की स्थिति में इसकी वैल्यू के जीरो होने की जोखिम के बारे में नहीं बताया था। इस मामले में आरबीआई का रुझान ये था कि बैंक ने राइट ऑफ करने का जो फैसला लिया था, वह यस बैंक और एटी1 बॉन्डहोल्डर्स के बीच कांट्रैक्ट के प्रावधानों के तहत सही है।

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