CryptoCurrency Today: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन अभी साढ़े 16 हजार डॉलर के भाव में है। पिछले साल यह जुलाई में 67 हजार डॉलर के पार पहुंच गया था। इसके भाव पर दबाव अभी भी दिख रहा है। ऐसे में इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म आर्क इंवेस्ट (Ark Invest) की फाउंडर और सीईओ कैथी वुड (Cathie Wood) के दावे को लेकर विमर्श दो हिस्सो में बंट दया है। कैथी ने अनुमान लगाया था कि वर्ष 2030 तक बिटकॉइन 10 लाख डॉलर के लेवल को छू लेगा और कैथी ने ब्लूमबर्ग से इंटरव्यू के दौरान अपने इस दावे का फिर सपोर्ट किया। कैथी के मुताबिक बिटकॉइन में इस समय दबाव दिख रहा है लेकिन अगले आठ वर्षों में यह 10 लाख डॉलर (BitCoin Price) के लेवल को छू लेगा।
कैथी क्यों कर रहीं अपने दावे का सपोर्ट
बिटकॉइन के भाव इस साल करीब 62 फीसदी टूटे हैं। हालांकि कैथी का कहना कि इंफ्रा और थेसिस की इस समय टेस्टिंग हो रही और बिटकॉइन बुरे दौर से बाहर निकल रहा है। कैथी का मानना है कि अभी इंस्टीट्यूशंस पीछे हट रही हैं लेकिन इसके बाद वे आगे आएंगी और क्रिप्टोकरेंसी में पहले बिटकॉइन और एथर (Ether) को ही चुनेंगी। आर्क इंवेस्ट ने ग्रेस्केल के बिटकॉइन ट्रस्ट (GBTC) फंड में 14 लाख डॉलर के 176945 शेयर जोड़े हैं। यह कंपनी फ्लोरिडा में है और पिछले हफ्ते इसने जीबीटीसी में 28 लाख डॉलर के 3.15 लाख जीबीटीसी शेयर खरीदे थे।
वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म आर्क इंवेस्ट (Ark Invest) की फाउंडर और सीईओ कैथी वुड (Image- Bloomberg)
कैथी के दावे का सोशल मीडिया पर मजाक बनाया जा रहा है। हेलिओस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा ने हिंदी में ट्वीट किया कि 'फेंको तो फेंको लंबी फेंको' अवार्ड के लिए इस साल की नई एंट्री मिल चुकी है। कैथी के दावे पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि बिटकॉइन के भाव में लगातार दबाव दिख रहा है। इस साल यह करीब 62 फीसदी कमजोर हुआ है और 22 नवंबर को यह दो साल के निचले स्तर 15649 डॉलर के भाव पर फिसल गया।
दिग्गज क्रिप्टोकरेंसी एफटीएक्स के डूबने से निवेशकों का सेंटिमेंट प्रभावित हुआ है। माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स भी क्रिप्टोकरेंसी को खारिज कर चुके हैं। भारत की बात करें तो आरबीआई ने भी क्रिप्टोकरेंसी का विरोध किया है। दुनिया के कई देशों में इसका विरोध हो रहा है। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी पर दबाव बना हुआ है।