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Budget 2023: ग्लोबल मंदी ने बढ़ाई एक्सपोर्ट सेक्टर की चिंता, एक्सपोर्टर्स की गुहार राहत देने वाला बजट पेश करें सरकार

Union Budget 2023- बजट में सरकार को ऐसे ऐलान करने चाहिए जिससे कि लॉजिस्टिक्स कॉस्ट से लेकर रॉ मैटेरियल तक की कीमतों में कमी आए। साथ ही एग्रेसिव मार्केटिंग और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए सरकार को मौजूदा 100 फीसदी की जगह 200 फीसदी तक टैक्स छूट देनी चाहिए

Alok Priyadarshiअपडेटेड Jan 19, 2023 पर 1:24 PM
Budget 2023: ग्लोबल मंदी ने बढ़ाई एक्सपोर्ट सेक्टर की चिंता, एक्सपोर्टर्स की गुहार राहत देने वाला बजट पेश करें सरकार
Union Budget 2023- अब एक्सपोर्टर्स ने सरकार से कच्चे माल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने और ओवरसीज़ मार्केटिंग के लिए आर्थिक मदद और टैक्स छूट बढ़ाने की मांग की है।

यूनियन बजट 2023 - कोविड महामारी के बाद अब ग्लोबल मंदी की आहट से एक्सपोर्ट सेक्टर की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में एक्सपोर्टर्स ने बजट में वित्तमंत्री से रॉ मैटेरियल की कीमतें सस्ती करने और बढ़ती ब्याज़ दरों से राहत देने की मांग की है । दुनियां को धीरे धीरे अपनी चपेट में ले रही मंदी एक्सपोर्ट जगत के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। कोविड संकट के उबरने के बाद सेक्टर रफ्तार पकड़ ही रहा था कि मंदी की आहट सुनाई देने लगी। अब एक्सपोर्टर्स ने सरकार से कच्चे माल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने और ओवरसीज़ मार्केटिंग के लिए आर्थिक मदद और टैक्स छूट बढ़ाने की मांग की है।

ताज़ा सरकारी आंकड़ो के मुताबिक एक्सपोर्ट में दिसंबर 2021 के मुकाबले दिसंबर 2022 में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्पोर्ट आर्गेनाईजेशन का कहना है कि बजट में सरकार को ऐसे ऐलान करने चाहिए जिससे कि लॉजिस्टिक्स कॉस्ट से लेकर रॉ मैटेरियल तक की कीमतों में कमी आए। साथ ही एग्रेसिव मार्केटिंग और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए सरकार को मौजूदा 100 फीसदी की जगह 200 फीसदी तक टैक्स छूट देनी चाहिए।

ब्याज़ दरों में हो रही बढ़ोत्तरी से राहत देने के लिए 5फीसदी तक के Interest Equalization की सुविधा बहाल की जानी चाहिए। इसके अलावा घरेलू शिपिंग लाईन में आत्मनिर्भर बनने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है ।

पोस्ट कोविड रिकवरी के बाद एक्सपोर्ट में जबरदस्त उछाल देखने को मिली थी। 2021-22 में 400 बिलियन से ज्यादा का निर्यात दर्ज किया गया। इससे उत्साहित सरकार ने साल 2022-23 के लिए 450 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट टारगेट तय किया है लेकिन ग्लोबल मंदी की दस्तक से घबराए एक्पोर्टर्स और पूरे सेक्टर की निगाहें पहली फरवरी को पेश होने वाले बजट पर टिकी हुई हैं।

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