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Budget 2024 : स्टॉक मार्केट को कैपिटल गेंस टैक्स में राहत और पूंजीगत खर्च बढ़ने की उम्मीद

Budget 2024 : फंड मैनेजर्स का मानना है कि अंतरिम बजट का फोकस कैपिटल एक्सपेंडिचर पर जारी रहना चाहिए। सरकार के पूंजीगत खर्च बढ़ाने से प्राइवेट सेक्टर की तरफ से पूंजीगत खर्च में इजाफा देखने को मिलता है। अब तक प्राइवेट सेक्टर का कैपिटल एक्सपेंडिचर उम्मीद से कम रहा है। आगे इसमें इजाफा होने की उम्मीद है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 17, 2024 पर 2:43 PM
Budget 2024 : स्टॉक मार्केट को कैपिटल गेंस टैक्स में राहत और पूंजीगत खर्च बढ़ने की उम्मीद
Budget 2024 : स्टॉक मार्केट से जुड़े लोगों का कहना है कि हर साल बजट पेश होने से पहले हमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स और एसटीटी में राहत मिलने की उम्मीद रहती है। अगर सरकार लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स में राहत देती है तो इससे स्टॉक मार्केट में रिटेल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ेगी।

Budget 2024 : स्टॉक मार्केट्स को Nirmala Sitharaman के केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि, यह Interim Budget होगा। सरकार ने पूंजीगत खर्च पर फोकस बढ़ाया है। इसका असर कई सेक्टर पर दिखा है। खासकर कैपिटल गुड्स और पीएसयू स्टॉक्स में शानदार तेजी आई है। इससे Nifty CPSE इंडेक्स बीते एक साल में 80 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। इससे एक तरफ इनवेस्टर्स की वेल्थ बढ़ी है तो दूसरी तरफ मार्केट का सेंटिमेंट मजबूत हुआ है। स्टॉक मार्केट का मानना है कि कोरोना की महामारी के बाद इकोनॉमी को सपोर्ट करने वाले उपायों पर सरकार का फोकस बना रहेगा। इसके लिए सरकार रूरल इकोनॉमी पर अपना फोकस बढ़ा सकती है। एफएमसीजी कंपनियों की करीब 20-35 फीसदी इनकम ग्रामीण इलाकों से होती है। पिछले एक-दो सालों में महंगाई बढ़ने की वजह से रूरल इलाकों में डिमांड पर असर पड़ा है।

बजट 2024 : कैपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस जारी रखने की जरूरत

ज्यादातर फंड मैनेजर्स का मानना है कि अंतरिम बजट का फोकस कैपिटल एक्सपेंडिचर पर जारी रहना चाहिए। सरकार के पूंजीगत खर्च बढ़ाने से प्राइवेट सेक्टर की तरफ से पूंजीगत खर्च में इजाफा देखने को मिलता है। अब तक प्राइवेट सेक्टर का कैपिटल एक्सपेंडिचर उम्मीद से कम रहा है। आगे इसमें इजाफा होने की उम्मीद है। INVAsset PMS के फंड मैनेजर अनिरूद्ध गर्ग ने कहा कि कैपिटल प्रोजेक्ट्स पर निवेश का मतलब है कि आप फ्यूचर में अपनी आमदनी बढ़ाने का उपाय कर रहे हैं। यह रोजमर्रा की चीजों पर निवेश करने की जगह दुकान में निवेश करने जैसा है।

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