Budget 2022 : सरकार को इनवेस्टमेंट और इन्फ्रा पर देना चाहिए जोर, सीआईआई चीफ टीवी नरेंद्रन ने दिए सुझाव

सीआईआई चीफ ने कहा, मनरेगा को सपोर्ट जारी रहे क्योंकि कोविड के चलते हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में बड़ी संख्या में जॉब लॉस हुए हैं

अपडेटेड Jan 07, 2022 पर 12:06 PM
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आम बजट के लिए सरकार को सुझाव देते सीआईआई चीफ टीवी नरेंद्रन

Confederation of Indian Industry : कनफेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (सीआईआई) के प्रेसिडेंट टीवी नरेंद्रन (TV Narendran ) ने कहा कि केंद्र सरकार को हर साल नए उपाय पेश करने के बजाय अगले बजट में इनवेस्टमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देना चाहिए।

सीएनबीसी-टीवी 18 को संबोधित करते हुए नरेंद्रन ने कहा कि महामारी की हर वेव के साथ सरकार और उद्योग मुश्किलों से उबरने में ज्यादा सक्षम हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इम्प्लॉयमेंट को प्रोत्साहन देना चाहिए और खपत बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।

इंफ्रा और इनवेस्टमेंट पर बना रहे फोकस

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यदि हमने पिछले वर्षों में जो कहा था, उसे लागू करते हैं तो यह बड़ी प्रगति होगी। यदि मुझे अपनी सिफारिशों को आगे रखना है- तो पहले सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर और इनवेस्टमेंट पर फोकस बनाए रखना है क्योंकि इससे डिमांड, जॉब्स पैदा करने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में सहायता मिलती है।”


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मनरेगा को सपोर्ट

उन्होंने कहा कि मनरेगा सपोर्ट जारी रहना चाहिए, साथ ही कहा कि हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में बड़ी संख्या में जॉब लॉस हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को देखना चाहिए कि वह कैसे माइक्रो, स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइजेस (एमएसएमई) को मदद कर सकती है।

हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल, टूरिज्म पर दिया जाए ध्यान

उन्होंने कहा, “दूसरी बात, मनरेगा यह सुनिश्चित करने में खासी सफल रही है कि निचले स्तर के लोगों पर कम से कम असर हो। हम हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल और टूरिज्म, रेस्टोरेंट आदि सेक्टरों पर भी गौर करना चाहते हैं, जो कोविड के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। ऐसे में हम इन सेक्टरों को पटरी पर लाने के लिए क्या कर सकते हैं?” उन्होंने कहा, “कुछ एमएसएमई ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ को जूझना पड़ा है।”

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हेल्थकेयर पर बढ़े खर्च

नरेंद्रन के मुताबिक, उन्होंने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास या सुधार पर ज्यादा ध्यान देने पर भी जोर दिया है, क्योंकि मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए लोगों का खर्च (आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च) अभी भी ज्यादा है। उन्होंने कहा, “लोगों ने नौकरी गंवाई हैं। इसलिए आय कम हुई है और दूसरी तरफ हेल्थ संबंधी खर्च बढ़ गया है। सरकार को हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश जारी रखना चाहिए, जो आज जीडीपी का 1.3 फीसदी है लेकिन हमें इसे 3 फीसदी तक ले जाने की जरूरत है जिससे हेल्थकेयर पर आउट ऑफ पॉकेट खर्च घटाया जा सके।”

इम्प्लॉयमेंट पर ध्यान दे सरकार

उन्होंने अर्बन इम्प्लॉयमेंट स्कीम की तर्ज पर कोई योजना लाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, “जॉब लॉस से निचले तबके को सबसे ज्यादा झटका लगा। यदि हम उन्हें सपोर्ट कर सकते हैं, उनकी आय शुरू करा सकते हैं तो इससे कंजम्प्शन में सुधार होगा।”

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First Published: Jan 07, 2022 12:06 PM

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