Budget 2022 expectations: देश में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को कोरोना के चलते भारी मार सहनी पड़ी है। इस सेक्टर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से तत्काल राहत उपाय की उम्मीद है। होटल संगठनों का कहना है कि उनको निम्न ब्याज दर के साथ लोन मोरेटोरियम मिलना चाहिए। इसके अलावा यूनियन बजट 2020 में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए टैक्स हॉलिडे और इंफ्रा स्टेटस भी दिए जाने की मांग है।
देश भर मे लागू लॉकडाउन के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में भारत में होटल इंडस्ट्री को 1.30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चपतलगी है।
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्ट्रोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) के Gurbaxish Singh Kohli का कहना है कि पूरी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री भारी खतरे में झुल रही है। सिर्फ एक विशेष रीलिफ पैकेज ही इस इंडस्ट्री में फिर से जान फूंक सकता है। बता दें कि FHRAI के साथ 55,000 से ज्यादा हॉटेल मेंबर के तौर पर जुड़े हुए है।
FHRAI की वित्त मंत्री से मांग है कि हॉटेल सेक्टर को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत लिए गए लोन पर निम्नतम कम से कम 1 साल का मोरेटोरियम इक्सटेंशन मिलना चाहिए। इनका कहना है कि होटल इंडस्ट्री कोरोना के एक के बाद एक आनेवाले लहर से सबसे ज्यादा नुकसान में जिसको देखते हुए यह तत्काल राहत उपाय की जरुरत है।
इसी तरह पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमेंस एंड इंडस्ट्री के Mushtaq Ahmad Chaya का कहना है कि घरेलू ट्रैवल इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार को बजट में इंडस्ट्री से जुड़े कर्मचारियों के लिए कुछ बजटीय एलान और इंसेटिंव का प्रावधान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आगे सरकार को कुछ खास समय के लिए हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल इंडस्ट्रीज के लिए जीएसटी रिफंड का प्रावधान करना चाहिए। जिससे की कोविड के बाद देश में टूर और टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोना से हलाकान इस इंडस्ट्रीज को कम से कम 1 साल काटैक्स हॉलिडे भी मिलना चाहिए।
PHDCCI का यह भी कहना है कि जम्मू-कश्मीर में नया टूरिज्म सर्किट डेवलप करने के लिए बजट में अलग से एलोकेशन होना चाहिए।