Budget 2023 : बजट में होने वाले ऐलानों का सीधा असर स्टॉक मार्केट्स पर पड़ता है। इसकी वजह यह है कि सरकार की पॉलिसी कंपनियों के कामकाज के लिए काफी मायने रखती है। पिछले कुछ सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का फोकस रहा है। हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर के कई प्रोजेक्ट्स सुस्ती के शिकार हैं। बजट में ऐसे प्रोजेक्ट्स को जल्द पूरा करने के लिए सरकार उपायों का ऐलान कर सकती है। इसका कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के शेयरों पर अभी से दिख रहा है। सरकार डिजिटल स्ट्रैटेजी के जरिये युवाओं को सशक्त बनाना चाहती है। ऐसे में बाजार की नजरें ऐसे सेक्टरों पर हैं, जहां सरकार खर्च बढ़ा सकती है।
Excise duties में सरकार जरूरत के हिसाब से बदलाव करती है। उदाहरण के लिए, तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए विंडफाल प्रॉफिट टैक्स (windfall profits tax) के रूप में विशेष एक्साइज ड्यूटी लगाई गई थी। दरअसल, घरेलू तेल कंपनियों के सुपर प्रॉफिट का कुछ हिस्सा सरकार हासिल करना चाहती थी। हालांकि तेल की कीमतों में कमी के बाद इसमें कटौती की गई है। Windfall Profit Tax का तेल कंपनियों पर सीधा असर होता है।
Fiscal deficit : आम तौर पर जुटाए गए रेवेन्यू से संकेत मिलते हैं कि क्या सरकार के पास सभी बजटीय व्यय के लिए पर्याप्त धन है। सरकार की कुल आय से खर्च ज्यादा होने की स्थिति को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।
Fiscal deficit से संकेत मिलते हैं कि क्या सरकार को नोट प्रिंट करने हैं या बाजार से पैसा उधार लेना है। नोट छापने या बाजार से उधार लेने पर महंगाई बढ़ती है। अर्थव्यवस्था की स्थिति, आरबीआई की सख्ती का स्टॉक मार्केट पर खासा असर होता है। इस प्रकार यह बजट का अहम पहलू है, जिसका बाजार पर असर दिखता है।
वहीं, सरकार की नीतियों, खर्च के तरीकों, स्कीम्स और अन्य फाइनेंशिल प्लान्स का विभिन्न सेक्टर्स पर असर होता है। इसीलिए, इनवेस्टर्स अपनी आगामी योजना बनाने के लिए बजट पर नजर रखते हैं।