बजट 2023: स्टार्टअप्स (Startups) के सामने पहले से ही फंडिंग की दिक्कतें थीं और अब वित्त मंत्री ने आज बजट में जो एलान किए हैं, उससे यह दिक्कत और बढ़ सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक Budget 2023 में टैक्स के नए प्रावधानों से सॉफ्टबैंक (SoftBank), टाइगर ग्लोबल (Tiger Global) और सिकोईया (Sequoia) जैसे दिग्गज निवेशकों से निवेश मिलना मुश्किल हो सकता है। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस नए प्रावधान से स्थानीय स्टार्टअप्स अब भारत की बजाय विदेशों में भाग सकती हैं यानी कि वहां अपना रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं। इसे लेकर इंडस्ट्री के दिग्गजों की मिली-जुली राय है। कुछ का मानना है कि इससे स्टार्टअप्स के लिए यहां रहना मुश्किल हो जाएगा तो कुछ का मानना है कि इसे किसी भी रास्ते से टैक्स चोरी को रोकने के लिए किया गया है।
क्या ऐलान किया है वित्त मंत्री ने
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में फाइनेंस बिल, 2023 के जरिए एंजेल टैक्स रिजीम के तहत विदेशी निवेशकों से पैसे जुटाने के एग्जेम्प्शन को खत्म कर दिया है। इसका मतलब है कि अब स्टार्टअप्स विदेशी निवेशकों से पैसे जुटाती हैं तो इस पर एंजेल टैक्स चुकाना पड़ सकता है। हालांकि सेबी के पास रजिस्टर्ड अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड्स से मिले निवेश पर एग्जेम्प्शन अभी भी जारी रहेगा। एंजेल टैक्स रिजीम को 2012 में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए लाया गया था। इसके तहत प्रावधान किया गया कि अगर फंडिंग राउंड में शेयरों की फेयर वैल्यू से अधिक भाव पर वैल्यूएशन तय किया जाता है तो फंड जुटाने की प्रक्रिया पर टैक्स लगाया जाएगा। शेयरों की फेयर वैल्यू को मर्चेंट बैंकर्स तय करते हैं।
वित्त मंत्री के ऐलान का क्या फर्क पड़ेगा
वेंचर कैपिटल फर्म 3One4 Capital के एमडी सिद्धार्थ पई ने आशंका जताई है कि फाइनेंस बिल, 2023 के जरिए आज जो ऐलान हुआ है, उससे स्टार्टअप्स अपना डोमेसाइल विदेशों में शिफ्ट कर सकती हैं। हालांकि उन्होंने सबसे बड़ी चिंता ये जताई है कि इससे कुछ दिग्गज विदेशी निवेशक भारतीय स्टार्टअप्स में पैसे लगाने से हिचकिचा सकते हैं। वहीं फैमिली ऑफिसों को सलाह देने वाले मैनेजमेंट कंसल्टेंट सूरज मलिक का कहना है कि वित्त मंत्री ने यह कदम रेजिडेंट निवेशकों और नॉन-रेजिडेंट निवेशकों के निवेश के लिए समान प्रावधान करने के लिए किया है और इससे यह सुनिश्चित होगा कि देश के बाहर से भी निवेश आने पर टैक्स चोरी न हो।
अकाउंटिंग एंड एडवायजरी फर्म बीडीओ इंडिया के पार्टनर हैरी पारिख के मुताबिक विदेशी निवेशकों को एंजेल टैक्स के दायरे में लाने पर स्टार्टअप्स के सामने सिर्फ कंप्लॉयंस का बोझ नहीं बढ़ेगा बल्कि जहां वैल्यूएशंस स्पष्ट रूप से तय नहीं है, वहां फंड जुटाने में बड़ी कंफ्यूजन करेगा। उनका कहना है कि स्टार्टअप्स कंवर्टिबल इंस्ट्रूमेंट्स के रूप में फंड जुटाती हैं जहां अगले राउंड तक वैल्यूएशन तय नहीं होता है। ऐसे में वित्त मंत्री के ऐलान से नियामकीय चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।