बजट 2023: अगर आपकी इतनी सालाना इनकम है तो अपनाएं न्यू टैक्स रिजीम, जानें कितने का मिलेगा लाभ

बजट 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते कहा कि सरकार ने मध्यम वर्ग के लाभ के लिए नई टैक्स व्यवस्था के ढांचे में बदलाव के साथ करदाताओं के लिए न्यू टैक्स रिजीम को अधिक आकर्षक बनाया है। बजट में किए गए प्रस्ताव के अनुसार, न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक की सालाना आय पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा

अपडेटेड Feb 02, 2023 पर 12:38 AM
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Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान टैक्स स्लैब को लेकर बड़ा ऐलान किया है

Budget 2023-2024: वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अगर किसी टैक्सपेयर (Taxpayer) का सालाना कटौती (Annually Deductions) और छूट दावा (Exemption Claims) 3.75 लाख करोड़ रुपये से कम है तो उसे न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) अपनाने से लाभ होगा। अधिकारी ने कहा कि उसे पुरानी टैक्स व्यवस्था के मुकाबले कम इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा। अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग (Income Tax Department) करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न भरने को लेकर सरल और कम कर दर वाली व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पूरे आकलन के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 का बजट पेश करते कहा कि सरकार ने मध्यम वर्ग के लाभ के लिए नई टैक्स व्यवस्था के ढांचे में बदलाव के साथ करदाताओं के लिए न्यू टैक्स रिजीम को अधिक आकर्षक बनाया है।

बजट में किए गए प्रस्ताव के अनुसार, न्यू टैक्स रिजीम के तहत सात लाख रुपये तक की सालाना आय पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि, निवेश और आवास भत्ता जैसी छूट वाली पुरानी टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


न्यू टैक्स रिजीम अपनाने की सलाह

अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘नई व्यवस्था के तहत आयकर रिटर्न भरते समय अगर किसी करदाता का कटौती को लेकर दावा 3.75 लाख रुपये से कम है, तो उसे न्यू टैक्स रिजीम अपनाने की सलाह होगी। उन्हें बजट में किए गए प्रस्ताव के अनुसार लाभ मिलेगा और उन पर कम कर देनदारी बनेगी।’’

उन्होंने कहा कि आयकर रिटर्न के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि न्यू टैक्स रिजीम अपनाने वाले करदाताओं की संख्या पुरानी व्यवस्था अपनाने वाले से अधिक होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आयकर विभाग पूर्व की तरह इस संदर्भ में ऑनलाइन कैलकुलेटर उपलब्ध करा सकता है। इससे करदाता अपनी व्यक्तिगत कर देनदारी का आकलन कर सकेंगे और उसके अनुसार अपने हिसाब से बेहतर विकल्प चुन सकते हैं।’’

क्या है टैक्स व्यवस्था?

नई व्यवस्था से करदाताओं के लिए अनुपालन बोझ कम होगा, क्योंकि उन्हें विभिन्न निवेश को लेकर दस्तावेजी सबूत जुटाने की जरूरत नहीं होगी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव से करदाताओं को लाभ होगा। अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय नौ लाख रुपये है तो उन्हें अब 45,000 रुपये की ही कर देना होगा, जो पहले 60,000 रुपये बनता था।

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उन्होंने आगे कहा कि इसी प्रकार किसी व्यक्ति की आय अगर 15 लाख रुपये सालाना है, उसे केवल 1.5 लाख रुपये या अपनी आय का केवल 10 प्रतिशत ही कर देना होगा। यह न्यू टैक्स रिजीम के मौजूदा स्वरूप के तहत बनने वाले 1,87,500 रुपये से करीब 20 फीसदी कम है।

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