Budget 2024-25: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश होने में कुछ ही दिन बाकी हैं। बजट की घोषणा 1 फरवरी 2024 को की जाएगी। इस साल अप्रैल-मई में आम चुनाव होने के चलते फरवरी माह में अंतरिम बजट पेश किया जा रहा है। वैसे तो अंतरिम बजट में बड़े ऐलान नहीं होते हैं लेकिन फिर भी हर साल की तरह इस साल भी हर सेक्टर बजट से तरह-तरह की उम्मीदें लगाए हुए है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA लिमिटेड की सब्सिडियरी ICRA Analytics को वित्त वर्ष 2025 के अंतरिम बजट (Budget 2024) में कई संभावित बदलावों की उम्मीद है। आइए जानते हैं कि वे बदलाव कौन से हैं...
1. सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स को हटानाः आईसीआरए के अनुसार, बाजार पिछले कुछ वर्षों से एसटीटी को हटाने की मांग कर रहा था। चूंकि जीएसटी कलेक्शन बढ़ गया है, इसलिए इस मांग ने फिर से जोर पकड़ लिया है। अगर इस कदम पर विचार किया जाता है तो यह अधिक निवेशकों को घरेलू इक्विटी बाजारों में निवेश करने के लिए आकर्षित करेगा।
2. डिविडेंड पर डबल टैक्सेशनः कंपनी अपने प्रॉफिट पर टैक्स का भुगतान करती है और साथ ही सरकार, शेयरधारकों के हाथ में पहुंचने वाले डिविडेंड पर टैक्स लगाती है। इस तरह डिविडेंड पर डबल टैक्स हो जाता है। अगर डिविडेंड पर डबल टैक्सेशन खत्म किया जाता है तो शेयरधारकों को राहत मिलेगी।
1. अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ानाः रेटिंग एजेंसी का मानना है कि सरकार अटल पेंशन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स के लिए मिनिमम पेंशन अमाउंट बढ़ाने पर विचार कर सकती है। पेंशन की मौजूदा राशि नए सब्सक्राइबर्स को इस पेंशन स्कीम के प्रति आकर्षित करेन के लिए पर्याप्त नहीं है।
2. NPS से वार्षिक आय को टैक्स फ्री स्टेटसः वरिष्ठ नागरिक, रिटायरमेंट के बाद वार्षिक आय या एन्युइटी इनकम पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं। आईसीआरए का मानना है कि स्वास्थ्य और मेडिकल के लगातार बढ़ रहे खर्चों को ध्यान में रखते हुए सरकार वरिष्ठ नागरिकों की भलाई के लिए एनपीएस से एन्युइटी इनकम को टैक्स फ्री स्टेटस दे सकती है। साथ ही इस स्कीम में प्रति वर्ष 50000 रुपये के निवेश पर ज्यादा पेंशन न मिल पाने की संभावना को देखते हुए यह सीमा 1 लाख रुपये तक बढ़ाई जा सकती है।
3. जीवन बीमा प्रीमियम के लिए अलग से टैक्स डिडक्शनः जीवन बीमा प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन को आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत जोड़ने के बजाय, इसके लिए एक अलग डिडक्शन लाने से देश में बीमा प्रोडक्ट्स की पहुंच में सुधार होगा और लोगों को जीवन बीमा में निवेश करके अपने परिवार के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। एजेंसी का मानना है कि इसके अलावा सरकार बजट में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी पर भी पुनर्विचार कर सकती है।
क्रिप्टोकरेंसीः बाजार, क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशंस पर और ज्यादा व्यापक पॉलिसी चाहते हैं। आईसीआरए को उम्मीद है कि क्रिप्टो बाजार में अधिक भागीदारी को शामिल करने के लिए सरकार एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करेगी।
एनर्जी ट्रांजिशन फंडः आईसीआरए का मानना है कि एनर्जी ट्रांजिशन और नेट जीरो उद्देश्यों के लिए एक मेगा कैपिटल आउटले निर्धारित किया जा सकता है। उम्मीद है कि सरकार नए युग के ईंधनों- ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल और अन्य बायोफ्यूल्स पर ध्यान देगी।
1. टैक्सेशन में समानताः आईसीआरए के अनुसार, सरकार इक्विटी म्यूचुअल फंड और यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान यानि कि यूलिप के बीच टैक्स ट्रीटमेंट में अंतर को दूर करने पर विचार कर सकती है।
2. कैपिटल गेन्स स्ट्रक्चर का सरलीकरणः घरेलू इक्विटी और म्यूचुअल फंड में एक समान होल्डिंग अवधि शुरू करके कैपिटल गेन्स टैक्सेशन स्ट्रक्चर को सरल बनाया जा सकता है। आईसीआरए का कहना है कि टैक्स ट्रीटमेंट में एकरूपता से उच्च अनुपालन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। हालांकि यह याद रखना होगा कि इक्विटी निवेशक, अन्य निवेशकों की तुलना में अधिक जोखिम लेते हैं और इसलिए उसी के अनुसार ध्यान दिए जाने की जरूरत है।