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लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग से डिडक्शन! Budget 2024 से ये हैं उम्मीदें

Budget 2024 Expectations Income Tax: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अगले वित्त वर्ष 2024-25 का बजट एक फरवरी को पेश करेंगी। इस बजट से सैलरीड लोगों को बहुत उम्मीद हैं। सैलरीड इंडिविजुअल्स टैक्स रीबेट का इंतजार कर रहे हैं। उनकी अहम मांगों में सबसे अहम तो ये है कि नए टैक्स रिजीम में जो कॉम्प्लेक्सिटी है, उसे कम किया जाए

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 20, 2024 पर 3:15 PM
लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग से डिडक्शन! Budget 2024 से ये हैं उम्मीदें
इक्रा का मानना है कि लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए टैक्स डिडक्शन का जो बेनेफिट अभी सेक्शन 80सी के तहत मिलता है, उसे अलग किया जाना चाहिए।

Budget 2024 Expectations Income Tax: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अगले वित्त वर्ष 2024-25 का बजट एक फरवरी को पेश करेंगी। इस बजट से सैलरीड लोगों को बहुत उम्मीद हैं। सैलरीड इंडिविजुअल्स टैक्स रीबेट का इंतजार कर रहे हैं। उनकी अहम मांगों में सबसे अहम तो ये है कि नए टैक्स रिजीम में जो कॉम्प्लेक्सिटी है, उसे कम किया जाए। सैलरीड लोगों को नई कर व्यवस्था के तहत छूट की सीमा मौजूदा 7 लाख से बढ़कर 7.5 लाख रुपये या 8 लाख रुपये तक होने की उम्मीद है यानी सैलरीड इंडिविजुअल्स की उम्मीद है कि वित्त मंत्री 8 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री करने का ऐलान कर सकती हैं। ध्यान दें कि ये सिर्फ अनुमान और उम्मीदें हैं, वास्तविक ऐलान तो वित्त मंत्री अगले महीने 1 फरवरी को करेंगी।

Budget 2024 से ये हैं उम्मीदें

ट्रांसर्च इंडिया (Transearch India) के एमडी उदय चावला के मुताबिक इस साल 2024 में वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारतीय कंपनियां एंप्लॉयीज के सैलरी में बढ़ोतरी करने की योजना बना रही हैं। पिछले साल 10 फीसदी बढ़ोतरी के हिसाब से इस साल लगभग 9.8% की बढ़ोतरी की उम्मीद है। हालांकि उदय चावला का मानना है कि भारत में हाई इनकम-टैक्स पॉलिसी के चलते सैलरी बढ़ने पर टैक्स देनदारी भी बढ़ जाती है। उदय के मुताबिक भारत में पर्सनल इनकम टैक्स की दरें 5 से 37 फीसदी और अतिरिक्त चार्जेज मिलाकर टैक्स का बोझ भारी-भरकम हो जाता है जबकि हॉन्ग कॉन्ग में यह 15 फीसदी, श्रीलंका में 18 फीसदी और सिंगापुर में 22 फीसदी है।

दूसरे देशों में टैक्स की दरें कम है तो इससे फर्क ये पड़ेगा कि अब रिमोट वर्किंग और कारोबार वैश्विक होने के दौर में एक आशंका ये बन रही है कि टैलेंटेड लोग बेहतर टैक्स स्ट्रक्चर और बेहतर वर्क-लाइप क्वालिटी और बैलेंस वाले देशों में चलें जाएं। अब उदय चावला का मानना है कि भारत वैश्विक महाशक्ति के रूप में खुद को पेश कर रहा है तो इसे ऐसी नीतियां लानी होंगी, जो सैलरीड एंप्लॉयीज के टैक्स के बोझ को हल्का कर सके।

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