Union Budget 2024 : इंडिया में निवेश को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला है सरकार का निवेश, जिसमें हाल के सालों में उछाल आया है। उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में निवेश पर सरकार का फोकस बना रहेगा। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman अंतरिम बजट में इसका ऐलान कर सकती हैं। वह वित्त वर्ष 2024-25 में पूंजीगत खर्च के लिए बड़ा टारगेट तय कर सकती हैं। सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान पूंजीगत खर्च का 10 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। दूसरा निवेश प्राइवेट सेक्टर का है। इसमें पिछले कुछ समय से वृद्धि दिख रही है। स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के निवेश को देखकर ऐसा लगता है कि प्राइवेट सेक्टर का इनवेस्टमेंट शुरू हो चुका है। इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में प्राइवेट इनवेस्टमेंट देखने को मिला है।
लिस्टेड कंपनियों के पूंजीगत खर्च बढ़ने के संकेत
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इकोनॉमिस्ट निखिल गुप्ता ने कहा, "वित्तीय स्थिति में सुधार के बाद लिस्टेड कंपनियों ने पिछले दो साल में अपने पूंजीगत खर्च बढ़ाए हैं। लेकिन, जो कंपनियां सूचीबद्ध नहीं हैं, उनकी वित्तीय स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। ऐसी कंपनियों की संख्या सूचीबद्ध कंपनियों के मुकाबले करीब तीन गुनी है। इनके पूंजीगत खर्च में गिरावट देखने को मिली है।" आने वाले समय में प्राइवेट सेक्टर के पूंजीगत खर्च में वृद्धि देखने को मिल सकती है। अथॉरिटीज ने कई बार इस बात के संकेत दिए हैं कि बैंकिंग सेक्टर और कॉरपोरेट सेक्टर की बैलेंसशीट अब साफसुथरी और मजबूत है।
कई सेक्टर में प्राइवेट पूंजीगत खर्च की स्थिति कमजोर
लेकिन, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्वे के मुताबिक, कम से कम मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में क्षमता का इस्तेमाल 75 फीसदी के लेवल से कम है। स्टैटिस्टिक्स मिनिस्ट्री के मुताबिक, इनवेस्टमेंट की स्थिति का संकेत देने वाले ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन की ग्रोथ इस वित्त वर्ष में 10.3 फीसदी रहने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष में यह ग्रोथ 11.4 फीसदी थी। लेकिन, प्राइवेट सेक्टर का निवेश हर सेक्टर में देखने को नहीं मिला है। सवाल है कि क्या वित्त वर्ष 2024-25 में स्थिति बेहतर होगी?
बजट 2024 में वित्तमंत्री बढ़ा सकती हैं पूंजीगत खर्च का टारगेट
सरकार के पिछले कुछ सालों में पूंजीगत खर्च बढ़ाने के अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। इससे आर्थिक वृद्धि दर बढ़ी है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.6 फीसदी रही। यह अनुमान से ज्यादा है। इसके बाद आरबीआई ने इस वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का अपना अनु्मान बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च पर अपना फोकस बनाए रखेगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। इसलिए इसमें बड़े ऐलान की उम्मीद कम है। लेकिन, सरकार पूंजीगत खर्च का टारगेट बढ़ा सकती है।