Income Tax Slab Changes: वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में इनकम टैक्स बजट में बड़े बदलाव का ऐलान किया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 लाख रुपये 7 लाख रुपये तक की कमाई पर 5 फीसदी, 7-10 लाख रुपये तक की कमाई पर 10 फीसदी, 10-12 लाख रुपये तक की कमाई पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। हालांकि वित्तमंत्री ने ओल्ड टैक्स में बेसिक एग्जेमप्शन लिमिट नहीं बढ़ाई, टैक्स रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया। उन्हें स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने का भी फायदा नहीं मिलेगा।
Income Tax Slab Changes: बदलाव से कितना हुआ फायदा?
सबसे पहले तो यह जान लें कि इनकम टैक्स स्लैम में जो बदलाव हुए हैं, वह नए टैक्स रिजीम के लिए हुए हैं। ओल्ड टैक्स रिजीम को फायदा नहीं मिलेगा। अब सवाल है कि न्यू टैक्स रिजीम को कितना फायदा हुआ है क्योंकि इससे पहले भी 3 लाख रुपये तक के टैक्स पर जीरो टैक्स देनदारी बनती थी और अब नए ऐलान के बाद भी ऐसा ही है। हालांकि इसके बाद जो स्लैब हैं, उनमें थोड़े बदलाव हुए हैं। पहले 3-5 लाख रुपये तक 5 फीसदी की टैक्स देनदारी थी लेकिन अब 3-6 लाख रुपये तक की आय पर इतना टैक्स देना होगा यानी कि एक लाख रुपये लिमिट बढ़ाई गई है।
इसके बाद 6-9 लाख रुपये की आय पर पहले 10 फीसदी टैक्स था लेकिन अब 7-10 लाख रुपये की टैक्स पर 10 फीसदी टैक्स रेट है। फिर 9-10 लाख रुपये की आय पर पहले 15 फीसदी टैक्स रेट था लेकिन अब इसकी लिमिट 10-12 लाख रुपये है। हालांकि इसके बाद कोई बदलाव नहीं है यानी कि पहले और अब, दोनों में ही 12-15 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी का टैक्स रेट है।
Old Tax Regime में क्या है टैक्स रेट?
ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं है। ढाई लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं है। इसके बाद ढाई लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी, 5-10 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी का टैक्स बनेगा।