Budget 2024: 1 फरवरी को वित्त मंत्री सीतारमण अपना लगातार छठा बजट भाषण पेश करेंगी। वह वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए पहला अंतरिम बजट भाषण पढ़ेंगी। भाजपा सरकार ने बजट को पेश करने में काफी बदलाव किये हैं। साल 2016 तक हर साल यूनियन (Union Budget) बजट से पहले रेल बजट पेश होता था। रेलमंत्री इसे पेश करता था। इसकी वजह यह थी कि रेल बजट में नई ट्रेनों का ऐलान सरकार करती थी। लेकिन साल 2017 से रेलवे बजट को आम बजट के साथ मिला दिया गया। जानिए सरकार ने ऐसा क्यों किया?
रेल बजट को केंद्रीय बजट में क्यों मिला दिया गया?
2017 में एक महत्वपूर्ण बदलाव तब हुआ जब रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया गया। इसके अलावा उस साल में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के पेश किए गए परिवर्तनों के अनुसार बजट 1 फरवरी को पेश किया गया है। अलग रेलवे बजट की प्रथा को खत्म करने और इसे केंद्रीय बजट में मिलाने की सिफारिश नीति आयोग द्वारा एक श्वेत पत्र के रूप में प्रस्तुत की गई थी। यह सिफारिश तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु को सौंपी गई थी। जवाब में प्रभु ने तत्कालीन वित्त मंत्री जेटली को एक पत्र लिखा, जिसमें रेलवे और केंद्रीय बजट के विलय का आग्रह किया गया। इस प्रस्ताव के पीछे का उद्देश्य बजटीय प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, दक्षता बढ़ाना और रेलवे और भारतीय अर्थव्यवस्था के डेवलपमेंट को बढ़ावा देना था।
2017 में पहली बार पेश नहीं हुआ रेल बजट
सरकार ने 2017 में रेल बजट को यूनियन बजट में विलय करने का फैसला किया। इसका मतलब है कि पहली बार 2017 में रेल बजट नहीं पेश किया गया। पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी 2017 को यूनियन बजट पेश किया। इसमें उन्होंने रेलवे का हिसाब-किताब भी पेश किया। रेलवे के प्रदर्शन के बारे में बताया। रेलवे के लिए पैसे आवंटित करने का ऐलान किया। लेकिन, रेलवे से जुड़ी जानकारियां उतनी व्यापक नहीं थी जिनकी रेल बजट में होती थी। इसलिए लोगों ने तब रेल बजट को बहुत मिस किया था। जिस तरह वित्त मंत्री की तरफ से यूनियन बजट संसद में पेश होता है, उसी तरह रेलमंत्री संसद में रेल बजट पेश करता था।