फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ 6.5 से 7 फीसदी रह सकती है। 22 जुलाई को पेश इकोनॉमिक सर्वे में यह अनुमान जताया गया है। यह जीडीपी ग्रोथ सुस्त पड़ने का संकेत है। उधर, सस्ते आयात से प्राइवेट इनवेस्टमेंट पर असर पड़ने का भी खतरा है। इस सर्वे में सावधान रहने की जरूरत बताई गई है। यह कहा गया है कि पिछले तीन सालों में अच्छी ग्रोथ के बाद प्राइवेट कैपिटल फॉर्मेशन को लेकर सावधानी बढ़ सकती है। इसकी वजह उन देशों से सस्ते आयात का खतरा है, जहां क्षमता जरूरत से ज्यादा है। यह चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन का पहला आर्थिक सर्वे है।