Budget 2022 : हर तरफ आम बजट की चर्चा हो रही है। इस बीच सीएनबीसी टीवी18 की लता वेंकटेश ने हमारे स्पेशल सेगमेंट बजट काउंटडाउन (Budget Countdown) के तहत यह पता लगाने की कोशिश की कि हमारे इनवेस्टर्स वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से क्या उम्मीद कर रहे हैं। मार्केट वेटरन और मोतीलाल ओसवाल के चेयरमैन-कोफाउंडर रामदेव अग्रवाल ने इनवेस्टर्स की डिमांड विशलिस्ट गिनाते हुए सीएनबीसी-टीवी18 को उन कदमों के बारे में बताया जो मौजूदा परिदृश्य में उठाना जरूरी है।
खर्च से पीछे हट रहा कंज्यूमर
अग्रवाल मानते हैं कि कोविड से कंज्यूमर स्पेंडिंग पर खासा असर पड़ा है। वर्तमान में, कंजयूमर डरा हुआ है और एक साधारण कंज्यूमर खर्च करने से पीछे हट रहा है। अग्रवाल का मानना है कि डिमांड बढ़ाना वक्त की जरूरत है और स्टिमुलस घोषित करके इसे हासिल करने के लिए बजट एक सही मौका होगा।
अगले 12 महीने के लिए डिमांड को प्रोत्साहन मिलने से कंजम्प्शन खुद ही बढ़ जाएगी। उन्हें भरोसा है कि सरकार के डिमांड स्टिमुलस से ज्यादा टैक्स कलेक्शन सुनिश्चित होगा। अग्रवाल के मुताबिक, कंज्यूमर के लिए चीजों को सस्ता बनाने की केंद्र की पहल मिडिल और लोअर मिडिल सेक्शंस के कंज्यूमर्स के हाथों में परचेजिंग पावर वापस लाने की दिशा में बेहद अहम होगी।
चीजों को सस्ता बनाए सरकार
उन्होंने कहा, “सरकार इस तरह की पहल उनके (मिडिल और लोअर-मिडिल सेक्शंस के कंज्यूमर्स) लिए चीजों को महंगा बनाने के बजाय सस्ता बनाने के लिए कर सकती है। इसलिए, इसके लिए ज्यादा सोच, ज्यादा एनालिसिस की जरूरत है; अब हर तरफ से खासा ज्यादा, बेहतरीन डाटा आ रहा है। मुझे लगता है कि अधिकारियों को डिमांड साइड और जो निचले स्तर पर मांग बढ़ाने के लिए जरूरी है, उस काम करने के लिए सलाह दी जाएगी।”
10 साल तक भारत के लिए बड़ा मौका
जहां तक ग्रोथ की बात है, वह अगले 10 साल तक भारत के लिए बड़ा मौका देखते हैं। उन्हें लगता है कि इंटरेस्ट रेट्स में मामूली बढ़ोतरी का 8 फीसदी की रियल जीडीफी ग्रोथ पर असर नहीं होगा। उन्होंने कहा, “दुनिया 4-5 निगेटिव इंटरेस्ट रेट पर ट्रेडिंग कर रही है। इस पर कौन यकीन कर सकता था कि हम कभी इस स्थिति में ट्रेड करेंगे। हमारी आपनी कई प्राथमिकताएं हैं, आप अपनी ग्रोथ को सही करते हैं और फिर इसके लिए ऑप्टिमाइज करते हैं। इसलिए, मेरे मुताबिक, 8 फीसदी ग्रोथ प्राथमिकता रहेगी और फिर दूसरी बातें आती हैं।”
ईसॉप्स पर टैक्स की समस्या हो दूर
इम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन प्लान्स (ईसॉप्स) पर, अग्रवाल ने कर्मचारियों द्वारा टैक्सिंग में आने वाली समस्याओं को उठाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी बजट में एक प्रस्ताव से इस समस्या को दूर करने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा, “मैं वित्त मंत्री से इस पर गौर करने और ईसॉप्स पर उसी तरह से टैक्स लगाने का अनुरोध करूंगा जैसे स्टार्टअप्स पर लगाया जाता है।”