Union Budget 2023-24: आगामी 1 फरवरी को देश के यूनियन बजट के साथ रेल बजट 2023 भी पेश किया जाएगा। पहले इन दोनों बजट को अलग-अलग पेश किया जाता था। हालांकि साल 2017 में रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया। तब से रेल-बजट की चमक धीरे-धीरे कुछ फीकी पड़ी है। हालांकि रेल यात्रियों को अभी भी बजट में नई ट्रेनों, नए रूट और किराए में बदलाव का बेसब्री से इंतजार रहता है। पिछले साल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले 3 सालों में 400 वंदे भारत ट्रेनों को शुरू करने की भव्य योजना रखी थी। वंदे भारत ट्रेन, अगली पीढ़ी की सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें हैं। आइए जानते हैं इस बार रेल बजट में वित्त मंत्री से क्या उम्मीदें की जा सकती हैं
रेल बजट: वंदे भारत ट्रेनों की बढ़ेगी संख्या
पिछले बजट में जो घोषणा की गई थी, सरकार उसके अलावा 400 और नई वंदे भारत ट्रेनों को शुरू करने का बजट में ऐलान कर सकती है। सैंकड़ों की संख्या में वंदे भारत ट्रेनों के ऐलान के पीछे सरकार की दो मंशा है। पहला मकसद इसके जरिए शताब्दी और राजधानी सहित सभी मौजूदा हाई-स्पीड ट्रेनों को धीरे-धीरे बदलना है, जिससे प्रमुख रेल मार्गों पर ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाकर 180 किमी प्रति घंटे से अधिक ले जाया जा सके।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि वित्त वर्ष 2026 तक, भारत स्टैंडर्ड-गेज वंदे भारत ट्रेनों का निर्यात शुरू कर देगा। अगर सरकार की यह योजना सफल होती है, तो भारत दुनिया के उन 8 देशों में शामिल हो जाएगा जिसके पास 180 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की स्पीड वाली ट्रेनों को बनाने की क्षमता है। सरकार इसके अलावा स्लीपर कोच वाले वंदे भारत ट्रेनों के बारे में भी ऐलान कर सकती है, जिन्हें साल 2024 की पहली तिमाही से चलाए जाने की खबरे हैं।
Budget 2023-24: नई रेल पटरियां
सरकार आगामी बजट में अगले 25 सालों के दौरान करीब 1 लाख किलोमीटर लंबी नई रेल पटरियां बिछाने की भी प्रस्ताव रख सकती है। इसका मकसद रेल पटरियों के नेटवर्क को आधुनिक बनाना है, जिससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा सके और देश में सेमी-हाईस्पीड ट्रेनों की संख्या को बढ़ाया जा सके।
वित्त वर्ष 2024 के दौरान करीब 7,000 किलोमीटर लंबी ब्रॉड गेज रेल लाइनों का विद्युतीकरण करने और पूरे नेटवर्क के विद्युतीकरण के काम को पूरा करने के लिए बजट में 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है।
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए यूनियन बजट 2023-24 में अधिक आवंटन को देखने को मिल सकता है। रेल मंत्री वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि भारत को 2026 तक अपनी पहली बुलेट ट्रेन मिल जाएगी। उन्होंने यह भी बताया था कि 110 किलोमीटर का ट्रैक अबतक बनाया जा चुका है, लेकिन डिजाइन की जटिलता के कारण देरी से चल रहे इस प्रोजेक्ट के 2026 तक पूरा होने की संभावना है।
Union Budget 2023-24: इंफ्रास्ट्रक्चर पर स्पेशल फोकस
सरकार रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए इस बार बजट में 1.9 लाख करोड़ की राशि आवंटित कर सकती है। यह पिछले साल आवंटित हुई 1.4 लाख करोड़ की राशि से करीब 30 फीसदी अधिक है। पिछले साल आवंटित कुल राशि में 1.37 लाख करोड़ रुपये कैपिटल एक्सपेंडिटर, वहीं 3,267 करोड़ रुपये रेवेन्यू एक्सपेंडिटर के लिए निर्धारित किए गए थे।
रेल मंत्रालय का मानना है कि वित्त वर्ष 2024 में कुल कैपिटल एक्सपेंडिचर पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है, जो इस वित्त वर्ष में 2.45 लाख करोड़ रुपये है।
रेलवे को उम्मीद है कि इससे रेक्स के आधुनिकीकरण, विद्युतीकरण, नई रेलवे लाइनों को बनाने, छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलने, सिग्रनलिंग सिस्टम में सुधार और फ्रेट कॉरिडोर सहित विभिन्न परियोजनाओं में तेजी आएगी।