वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को संसद भवन में 2022-23 के लिए यूनियन बजट (Union Budget for 2022-23) की घोषणा करते हुए कहा कि जनवरी 2022 में वस्तु और सेवा कर (Goods and service tax (GST) कलेक्शन बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के रोलआउट के बाद से सबसे अधिक स्तर है।
इसका मतलब ये है कि जनवरी 2022 के महीने का रेवन्यू एक साल पहले यानी कि जनवरी 2021 की तुलना में 24% अधिक है और जनवरी 2020 में एकत्र किए गए जीएसटी रेवन्यू से 35% अधिक है।
खेतान एंड कंपनी के पार्टनर अभिषेक ए रस्तोगी (Abhishek A Rastogi, partner at Khaitan & Co) ने कहा कि जनवरी 2022 में 1.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन निश्चित रूप से टैक्स को बढ़ाने और वित्तीय घाटे (fiscal deficit) को कम करने में मदद करेगा। उच्च जीएसटी कलेक्शन आर्थिक विकास का संकेतक है, लेकिन रिफंड्स को भी अच्छे से ट्रैक किये जाने की आवश्यकता है।
सोमवार को, वित्त मंत्रालय ने कहा था कि 31 जनवरी 2022 को दोपहर 3 बजे तक प्राप्त किया गया कुल जीएसटी रेवन्यू 1,38,394 करोड़ रुपये था, जिसमें सीजीएसटी (CGST) 24,674 करोड़ रुपये, एसजीएसटी (SGST) 32,016 करोड़ रुपये, आईजीएसटी (IGST) 72,030 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र किए गए 35,181 करोड़ रुपये सहित) और उपकर (cess) 9,674 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 517 करोड़ रुपये सहित) था।
पिछला रिकॉर्ड मासिक जीएसटी कलेक्शन अप्रैल 2021 में 1,39,708 करोड़ रुपये था। 30 जनवरी 2022 तक फाइल किये गये जीएसटीआर-3बी रिटर्न की कुल संख्या 1.05 करोड़ है जिसमें 36 लाख तिमाही रिटर्न शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “यह कोविड के बाद तेजी से आर्थिक विकास में सुधार करने और केंद्रीय और राज्य कर प्रशासन द्वारा तय की गई नीति और प्रशासनिक पहल के कारण संभव हुआ है।” सीतारमण ने कहा, "जिन करदाताओं ने बेहतर कर और जीएसटी में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में पूरी लगन के साथ योगदान दिया है, ऐसे करदाता अभिनंदन के पात्र हैं।"
सीतारमण ने कहा, "जीएसटी एक ऐतिहासिक रिफॉर्म (landmark reform) रहा है। अब हम आईटी संचालित और प्रगतिशील जीएसटी व्यवस्था पर गर्व कर सकते हैं। कोविड -19 महामारी के बावजूद जीएसटी रेवन्यू में उछाल देखने को मिला है।"