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Union Budget 2023: FY 2024 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर लग सकता है झटका, 19.5% ग्रोथ हासिल करना मुश्किल होगा

Budget 2023: फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में 10 जनवरी तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शंस की ग्रोथ 19 फीसदी रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले फाइनेंशियल ईयर में टैक्स कलेक्शंस की ग्रोथ घट सकती है। इसकी वजह हाई बेस इफेक्ट और ग्लोबल इकोनॉमी पर मंडरा रहा मदी का खतरा है

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jan 20, 2023 पर 4:15 PM
Union Budget 2023: FY 2024 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर लग सकता है झटका, 19.5% ग्रोथ हासिल करना मुश्किल होगा
10 जनवरी तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शंस 19.55 फीसदी बढ़कर 12.31 लाख करोड़ रुपये रहा। यह इस फाइनेंशियल ईयर के बजट अनुमान का 86.68 फीसदी है।

Union Budget 2023: इस फाइनेंशियल ईयर में सरकार के टैक्स कलेक्शन (Tax Collections) की ग्रोथ शानदार रही है। लेकिन, अगले फाइनेंशियल ईयर में टैक्स कलेक्शन की ग्रोथ कम रहने के आसार हैं। सरकार के एक सूत्र ने बताया कि इनकम और कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शंस में 19.5 फीसदी की ग्रोथ फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में मुश्किल होगी। इसकी वजह हाई बेस इफेक्ट के साथ ग्लोबल इकोनॉमी पर मंडराता मंदी का खतरा है। टैक्स कलेक्शंस की ग्रोथ अच्छी रहने से सरकार को बहुत मदद मिली है। इससे सरकार के लिए अपना खर्च बढ़ाना मुमकिन हुआ है। पर्सनल इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स डायरेक्ट टैक्स के तहत आते हैं। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शंस बजट के अनुमान से ज्यादा रहने के आसार हैं।

ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी का असर पड़ने की आशंका

फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ कम रहने की उम्मीद है। इसकी वजह ग्लोबल इकोनॉमी पर मंडरा रहा मंदी का खतरा है। इसका असर घरेलू इकोनॉमी पर भी पड़ने की आशंका है। इस वजह से टैक्स कलेक्शंस की ग्रोथ भी कम रह सकती है। सरकार के सूत्रों ने यूनियन बजट 2023 से पहले यह अनुमान जताया है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी।

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