Union Budget 2023 : ज्यादातर टैक्सपेयर्स के लिए होगा सिंगल ITR फॉर्म, Form 1 और 4 का वजूद बना रहेगा

Union Budget 2023: टैक्स के नियमों खासकर आईटीआर फाइलिंग के प्रोसेस को आसान बनाने से टैक्स कंप्लायंस बढ़ेगा। इससे टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा। अभी सरकार को टैक्स कलेक्शन बढ़ाने की बहुत जरूरत है। दरअसल, एक तरफ सरकार पर अपनी वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाने का दबाव है तो दूसरी तरफ उसके लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस बनाए रखना भी जरूरी है

अपडेटेड Dec 26, 2022 पर 1:36 PM
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इनकम टैक्स फाइलिंग को आसान बनाने की जरूरत है। अभी कई तरह के फॉर्म्स होने से टैक्सपेयर्स उलझन में पड़ जाते हैं।

Union Budget 2023 : टैक्स अथॉरिटीज ज्यादातर टैक्सपेयर्स के लिए एक कॉमन आईटीआर फॉर्म (Common ITR Form) तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। आईटीआर-1 और 4 का वजूद बना रहेगा। अभी जो टैक्सपेयर्स आईटीआर-1 और आईटीआर-4 का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें कॉमन आईटीआर फॉर्म (नया) और पहले से मौजूदा फॉर्म्स में से किसी एक का इस्तेमाल करने का विकल्प मिलेगा। अभी इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग (Income Tax Return Filing) के लिए 7 तरह के फॉर्म्स हैं। अलग-अलग तरह के टैक्सपेयर्स इन फॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इनकम टैक्स फाइलिंग को आसान बनाने की जरूरत है। अभी कई तरह के फॉर्म्स होने से टैक्सपेयर्स उलझन में पड़ जाते हैं।

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट (Union Budget) पेश करेंगी। माना जा रहा है कि वह टैक्स फाइलिंग के लिए आईटीआर फॉर्म्स की संख्या कम करने का ऐलान कर सकती हैं।

टैक्स के नियमों को आसान बनाने से कंप्लायंस बढ़ेगा


एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्स के नियमों खासकर आईटीआर फाइलिंग के प्रोसेस को आसान बनाने से टैक्स कंप्लायंस बढ़ेगा। इससे टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा। अभी सरकार को टैक्स कलेक्शन बढ़ाने की बहुत जरूरत है। दरअसल, एक तरफ सरकार पर अपनी वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाने का दबाव है तो दूसरी तरफ उसके लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस बनाए रखना भी जरूरी है। अमेरिका, इंग्लैंड जैसी बड़ी इकोनॉमी जब मुश्किल में हैं, तब इंडियन इकोनॉमी में अच्छी ग्रोथ देखने को मिल रही है। ऐसे में सरकार के लिए पूंजीगत खर्च सहित ग्रोथ बढ़ाने वाले उपायों पर फोकस बनाए रखना जरूरी है।

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आम करदाताओं को राहत देने की जरूरत

Nangia Anderson LLP के पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि यह बजट अपने आप में खास है, क्योंकि यह कोरोना की रिकवरी के बाद आने वाला केंद्र सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है। 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले सरकार कोई ऐसा कदम उठाना नहीं चाहेगी, जिससे लोगों के बीच खराब संकेत जाए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में पर्सनल इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स के बीच फर्क बढ़ा है। ऐसे में समय की मांग है कि आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार को उपाय करने की जरूरत है। इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए पर्सनल टैक्सेशन सिस्टम में बदलाव करने की जरूरत है। इससे सरकार को टैक्स कलेक्शन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

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जी20 बैठक में टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के एजेंडा पर होगा फोकस

Deloitte India Partner रोहिंग्टन सिधवा ने कहा कि उम्मीद है कि G20 की बैठक में ऐसे एजेंडा पर फोकस रहेगा, जिससे विकासशील देशों को अपना टैक्स कलेक्शन बढ़ाने में मदद मिलेगा। इससे पहले सरकार अपने टैक्स सिस्टम को पारदर्शी, आसान और मजबूत बनाना चाहती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इससे लिए यूनियन बजट में कुछ कदम उठा सकती हैं।

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