Union Budget 2023: युवाओं को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के अगले यूनियन बजट (Budget 2023) से काफी उम्मीदे हैं। उनका मानना है कि सरकार बजट में एजुकेशन की सुविधाएं बढ़ाने और रोजगार के मौके पैदा करने के लिए पूंजीगत खर्च बढ़ाएगी। इनकम टैक्स फाइलिंग को आसान बनाने के उपायों के ऐलान होंगे। स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ेगा। न्यू एज कंपनियों के लिए टैक्स-छूट बढ़ेगी। साथ ही एजुकेशन लोन को अट्रैक्टिव बनाने के उपाय बजट में होंगे। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को अगला यूनियन बजट पेश करेंगी। यह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा। अगले साल (2024) लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद केंद्र की नई सरकार फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए पूर्ण बजट पेश करेगी।
PLI इनसेंटिव बढ़ाने की जरूरत
21 से 26 साल की उम्र के युवाओं के कुल खर्च में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी ज्यादा होती है। उनका कहना है कि इसलिए सरकार को स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए पीएलआई के तहत मिलने वाली इनसेंटिव को बढ़ाना चाहिए। सरकार ने 2021 में चार साल के लिए 1-4 फीसदी इनसेंटिव सपोर्ट का ऐलान किया था। मास्टर्स यूनियन स्कूल ऑफ बिजनेस के स्टूडेंट ऋषि शर्मा ने कहा कि सरकार को इस इनसेंटिव सपोर्ट को बढ़ाकर 5 फीसदी कर देना चाहिए।
स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाई जाए
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इकोनॉमिक रिकवरी के बीच फिर से कंपनियों एंप्लॉयीज को नौकरी से हटा रहे हैं। ऐसे में सरकार को युवाओं की मदद के लिए आने आना चाहिए। नौकरी करने वाले युवाओं के लिए टैक्स रेट्स और डिडक्शंस बहुत मायने रखते हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड की स्टूडेंट शीतल ने कहा कि टैक्स रेट्स और डिडक्शन से यह तय होता है कि सैलरी का कितना पैसा हमारे हाथ में खर्च के लिए उपलब्ध होगा। अगर सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा दे और टैक्स रेट्स में थोड़ी राहत दे दे तो हमारा बोझ कुछ हद तक घट जाएगा।
न्यू एज कंपियों के लिए टैक्स छूट बढ़ाई जाए
युवाओं का यह भी कहना है कि न्यू एज कंपनियों के लिए टैक्स छूट बढ़ाना जरूरी है। इसकी वजह यह है कि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलता है। कई युवा सुबह 9 से 5 बजे शाम की अपनी नौकरी के अलावा शाम में कुछ घंटों के लिए इन कंपनियों में काम करते हैं। कुछ अतिरिक्त इनकम के लिए ऐसा करते हैं तो कुछ अपने शौक पूरा करने के लिए करते हैं। अगर इन कंपनियों के लिए टैक्स छूट बढ़ाने के उपाय होते हैं तो वे अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगी। इससे ऐसी कंपनियों में रोजगार के ज्यादा मौके पैदा होंगे।
रूपी विद इनवेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर ऋषभ देसाई ने कहा कि तीन साल या पांच साल से ज्यादा समय तक इनवेस्टमेंट को रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट मिलनी चाहिए। साथ ही इनकम टैक्स फाइलिंग के प्रोसेस को आसान बनाने की जरूरत है। कई युवा इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें यह प्रोसेस बहुत मुश्किल लगता है। अगर इसे आसान बनाया जाता है तो इससे युवा रिटर्न फाइल करने में दिलचस्पी दिखाएंगे। इससे टैक्स कंप्लायंस बढ़ेगा।