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Union Budget 2024 : सरकार पर कर्ज का बोझ जल्द घटने की उम्मीद नहीं

Interim Budget 2024 : इंडिया के लिए अपने कर्ज में कमी लाना जरूरी है। इससे इंडिया की क्रेडिट रेटिंग बेहतर होगी। इससे इंडियन कंपनियों को सस्ते रेट पर कर्ज मिल सकेगा। एसएंडपी ने कहा है कि सरकार की खराब वित्तीय स्थिति और कर्ज का ज्यादा बोझ किसी देश के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा नहीं है कि सरकार को स्थिति का गंभीरता का अंदाजा नहीं है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 18, 2024 पर 4:59 PM
Union Budget 2024 : सरकार पर कर्ज का बोझ जल्द घटने की उम्मीद नहीं
Budget 2023 : अक्टूबर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि वित्तमंत्रालय सरकार के कर्ज के लेवल में कमी लाने के रास्तों पर विचार कर रहा है।

Budget 2024 : साल 2020 में कोरोना वायरस ने करीब सभी देशों की इकोनॉमी को बड़ी चोट पहुंचाई। कई देशों को अपनी इकोनॉमी को सहारा देने के लिए कर्ज लेना पड़ा। इंडिया इस मामले में अपवाद नहीं था। इससे केंद्र और राज्यों सरकारों पर कर्ज का बोझ बहुत बढ़ गया। यह कर्ज 2020-21 में जीडीपी के 89.5 फीसदी तक पहुंच गया। एक साल पहले यह 75.3 फीसदी था। तब से ग्रोथ की रफ्तार बढ़ी है और कर्ज में कमी आई है। 2022-23 में इंडिया में सरकार का सामान्य कर्ज जीडीपी का 86.5 फीसदी था। प्रॉब्लम यह है कि मीडियम टर्म में इसमें कमी आने की उम्मीद नहीं दिखती। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मई 2023 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अगले तीन साल में जनरल गवर्नमेंट डेट के जीडीपी के 85 फीसदी से नीचे जाने की उम्मीद है।

बजट 2024 में कर्ज में कमी लाने के उपायों का हो सकता है ऐलान

इंडिया के लिए अपने कर्ज में कमी लाना जरूरी है। इससे इंडिया की क्रेडिट रेटिंग बेहतर होगी। इससे इंडियन कंपनियों को सस्ते रेट पर कर्ज मिल सकेगा। एसएंडपी ने कहा है कि सरकार की खराब वित्तीय स्थिति और कर्ज का ज्यादा बोझ किसी देश के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा नहीं है कि सरकार को स्थिति का गंभीरता का अंदाजा नहीं है। अक्टूबर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि वित्तमंत्रालय सरकार के कर्ज के लेवल में कमी लाने के रास्तों पर विचार कर रहा है।

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