वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 7 दिसंबर को साफ कर दिया कि 1 फरवरी, 2024 को पेश होने वाला यूनियन बजट वोट-ऑन-अकाउंट होगा। इसका मतलब है कि यह अंतरिम बजट होगा, जिसका फोकस अगले वित्त वर्ष के शुरुआती कुछ महीनों के लिए सरकार के खर्च के प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी हासिल करने पर होगा। लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी वह पूर्ण बजट पेश करेगी। निर्मला सीतारमण ने इस बारे में 7 दिसंबर को बताया। वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट नई सरकार का वित्त मंत्री जुलाई में पेश कर सकता है। इसमें नई सरकार अपनी पॉलिसी को ध्यान में रख टैक्स सहित दूसरे नियमों में बदलाव करेगी। आम लोगों का सबसे ज्यादा ध्यान वित्त मंत्री के बजट भाषण पर होता है। लेकिन, यह पूरे बजट डॉक्युमेंट का छोटा हिस्सा होता है। हालांकि, इसके जरिए बजट की मुख्य बातों का पता चल जाता है।
बजट के पहले पार्ट में क्या होता है?
बजट डॉक्युमेंट के दो हिस्से होते हैं-पार्ट ए और पार्ट बी। पहले पार्ट में संबंधित वित्त वर्ष में उन बदलावों का जिक्र होता है, जो सरकार के एजेंडा में शामिल होते हैं। इसमें सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के आवंटन और उनसे संबंधित स्कीम का ब्योरा होता है। सरकार यह बताती है कि वह कारोबार को आसान बनाने के लिए क्या कदम उठाने जा रही है। सरकार यह भी बताती है कि इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए वह क्या करने जा रही है। इसके अलावा महिला, स्टूडेंट्स, सीनियर सिटीजंस सहित समाज के प्रमुख वर्गों के लिए सरकार की योजनाओं का डिटेल इसमें होता है। साथ ही सरकार यह भी बताती है कि वह वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से कितने पैसे जुटाएगी। उसका फिस्कल डेफिसिट कितना रहेगा।
बजट के दूसरे पार्ट में क्या होता है?
दूसरे पार्ट में टैक्स से संबंधित ऐलान होते हैं। इसमें डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरह के टैक्स शामिल हैं। हालांकि, 2017 में जीएसटी की व्यवस्था लागू होने के बाद से इससे संबंधित घोषणाएं इसमें शामिल नहीं होती हैं। लेकिन, इनकम टैक्स के नियमों में होने वाले बदलाव, टैक्सपेयर्स से जुड़े डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस के नियमों में बदलावा और टैक्स स्लैब में बदलाव आदि इसमें शामिल होते हैं। कॉर्पोरेट टैक्स में होने वाले बदलावों को भी बजट के इसी हिस्से में रखा जाता है। सरकार यह भी बताती है कि उसे टैक्स के जरिए कितने पैसे मिलने वाले हैं। केंद्र सरकारी की तरफ से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिए जाने वाले पैसे का भी उल्लेख इस हिस्से में होता है।
साल 2019 में लोकसभा चुनावों से पहले सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। इस बजट को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया था। इसमें अगले वित्त वर्ष के लिए रेवेन्यू और एक्सपेंडिचर के अनुमान के साथ ही इनकम टैक्स के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव शामिल थे। साथ ही पूरे वित्त वर्ष के लिए सरकार के खर्च का भी अनुमान शामिल था। हालांकि, नई सरकार बनने के बाद 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्ण बजट पेश किया था।