कहा जाता है कि किसी चीज को पूरी तरह देखने के बाद ही उसके अच्छे या खराब होने का अंदाजा लगाना चाहिए। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि बजट भाषण (Budget Speech) में अच्छी बातें होती है। सरकार के सख्त फैसले फाइनेंस बिल (Finance Bill) में शामिल होते हैं। इसका मकसद स्टॉक मार्केट्स (Stock Markets) और फाइनेंस एवं लीगल एक्सपर्ट्स की तुरंत प्रतिक्रिया से बचना है। इस बार भी बजट (Union Budget 2023) को लेकर कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सरकार टैक्स में इजाफा से लेकर टैक्सपेयर्स पर कंप्लायंस का बोझ तक बढ़ा सकती है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं: