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Byju's की दिवालिया कार्यवाही में नया विवाद, विदेशी लेंडर्स के एजेंट को CoC से किया गया बाहर

एडटेक कंपनी बायजूज (Byju's) के खिलाफ चल रही दिवालिया प्रक्रिया में एक नया मोड़ हो गया है। विदेशी लेंडर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली एजेंसी, ग्लास ट्रस्ट को मंगलवार 3 सितंबर को अचानक क्रेडिटर्स की कमिटी (CoC) से बाहर कर दिया गया। यह फैसला इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP), पंकज श्रीवास्तव की ओर से इस संबंध में दाखिल एक याचिका के बाद आया है

Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 04, 2024 पर 3:11 PM
Byju's की दिवालिया कार्यवाही में नया विवाद, विदेशी लेंडर्स के एजेंट को CoC से किया गया बाहर
ग्लास ट्रस्ट का दावा है कि Byju's पर अभी भी विदेशी लेंडर्स का 1.35 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है

Byju's Insolvency Case: एडटेक कंपनी बायजूज (Byju's) के खिलाफ चल रही दिवालिया प्रक्रिया में एक नया मोड़ हो गया है। विदेशी लेंडर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली एजेंसी, ग्लास ट्रस्ट को मंगलवार 3 सितंबर को अचानक क्रेडिटर्स की कमिटी (CoC) से बाहर कर दिया गया। यह फैसला इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP), पंकज श्रीवास्तव की ओर से इस संबंध में दाखिल एक याचिका के बाद आया है। इस फैसले के बाद नया विवाद छिड़ गया है, जिसमें ग्लास ट्रस्ट ने इस कदम को गैरकानूनी बताया है।

ग्लास ट्रस्ट का कहना है कि यह फैसला न केवल गलत है, बल्कि पूरी तरह से अवैध भी है। उनका दावा है कि Byju's पर अभी भी विदेशी लेंडर्स का 1.35 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है और पिछले 18 महीनों से कोई भुगतान नहीं हुआ है।

श्रीवास्तव ने 30 अगस्त को नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) में याचिका डाली थी। इस याचिका में श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि ग्लास ट्रस्ट जिन लेंडर्स का प्रतिनिधित्व कर रही है, उनमें से अधिकतर लेंडर्स Byju's के साथ मौजूदा समझौतों के तहत बिजनेस राइट्स खो दिए हैं, जिससे दिवालियापन कार्यवाही में उनके दावे अमान्य हो गए हैं।

श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि ग्लास ट्रस्ट द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए अधिकांश ऋणदाताओं ने BYJU'S के साथ मौजूदा समझौतों के तहत अपने व्यावसायिक अधिकार खो दिए हैं, जिससे दिवालियेपन प्रक्रिया में उनके दावे अमान्य हो गए हैं। IRP ने कहा है कि ग्लास ट्रस्ट को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी और वैध लेंडर्स के रूप में अपने दावों को साबित करने के लिए डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने होंगे।

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