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Explained: मीडिया एडवर्टाइजिंग कंपनियों पर CCI का छापा, प्राइस-फिक्सिंग का आरोप, 6 प्वाइंट्स में समझें पूरा मामला

कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने 18 मार्च को कई ग्लोबल एडवर्टाइजिंग एजेंसियों और ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री समूहों के खिलाफ 'कीमतों में मिलीभगत' के आरोप में जांच शुरू की की। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, CCI के अधिकारियों ने मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम समेत करीब 10 ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी की जद में दुनिया की कुछ टॉप विज्ञापन एजेंसियां भी शामिल हैं

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Mar 18, 2025 पर 7:55 PM
Explained: मीडिया एडवर्टाइजिंग कंपनियों पर CCI का छापा, प्राइस-फिक्सिंग का आरोप, 6 प्वाइंट्स में समझें पूरा मामला
CCI की जांच में दोषी पाए जाने पर एडवर्टाइजिंग एजेंसियों पर भारी आर्थिक दंड लगाया जा सकता है

कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने 18 मार्च को कई ग्लोबल एडवर्टाइजिंग एजेंसियों और ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री समूहों के खिलाफ 'कीमतों में मिलीभगत' के आरोप में जांच शुरू की की। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, CCI के अधिकारियों ने मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम समेत करीब 10 ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी की जद में दुनिया की कुछ टॉप विज्ञापन एजेंसियां भी शामिल हैं, जिनमें GroupM, Dentsu, IPG, पब्लिसिस ग्रुप समेत कई प्रमुख नाम शामिल हैं। इसके अलावा, इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) पर भी शिकंजा कसा गया है, जो भारत के बड़े ब्रॉडकास्टर्स का प्रमुख संगठन है।

1. एडवर्टाइजिंग जगत में "प्राइस फिक्सिंग" क्या होता है?

"प्राइस फिक्सिंग" का मतलब है कि कई कंपनियां आपस में मिलकर कीमतें तय करती हैं, जिससे बाजार में कॉम्पिटीशन खत्म हो जाता है। आमतौर पर, एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में यह मीडिया बाइंग एजेंसियों (Media Buying Agencies), ब्रॉडकास्टर्स और विज्ञापन कंपनियों के बीच मिलीभगत के रूप में देखने को मिलता है।

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