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चीन की सबसे बड़ी EV कंपनी पर इनकम टैक्स की रेड, ये है पूरा मामला

चीन की सबसे बड़ी ईवी कंपनी बीवाईडी (BYD) को भारत में टैक्स से जुड़े मामलों का सामना करना पड़ रहा है। बीवाईडी को इससे पहले भारत और चीन के तनावपूर्ण संबंधों के चलते विस्तार योजना में झटका झेलना पड़ा था और अब इसके खिलाफ टैक्स कम चुकाने के मामले में जांच का सामना करना पड़ रहा है

अपडेटेड Aug 02, 2023 पर 12:54 PM
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डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) का आरोप है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली चीन की सबसे बड़ी कंपनी BYD ने 73 करोड़ रुपये (90 लाख डॉलर) का कर्ज कम चुकाया है।

चीन की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वेईकल (EV) कंपनी बीवाईडी (BYD) को भारत में टैक्स से जुड़े मामलों का सामना करना पड़ रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। इस चाईनीज कंपनी पर आरोप है कि इसने यहां असेंबल और बेची जाने वाली कारों के लिए जो पार्ट्स मंगाए थे, उस पर बहुत कम टैक्स का भुगतान किया है। हालांकि यह नहीं पता चल पाया कि किस टाइम पीरियड को लेकर जांच चल रही है और यह भी नहीं पता चला कि कितनी कारें इससे प्रभावित हुई। बीवाईडी को इससे पहले भारत और चीन के तनावपूर्ण संबंधों के चलते विस्तार योजना में झटका झेलना पड़ा था और अब इसके खिलाफ टैक्स कम चुकाने के मामले में जांच का सामना करना पड़ रहा है।

कितना कर्ज बाकी और अब आगे क्या?

डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) का आरोप है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली चीन की सबसे बड़ी कंपनी BYD ने 73 करोड़ रुपये (90 लाख डॉलर) का कर्ज कम चुकाया है। सूत्र का कहना है कि डीआरआई का शुरुआती जांच के बाद चाईनीज कंपनी ने इसे जमा तो कर दिया है लेकिन जांच अभी भी जारी है। अब इसके खिलाफ अतिरिक्त टैक्स चार्जेज और पेनाल्टीज लग सकती है। अभी कंपनी को फाइनल नोटिस जारी होना बाकी है। इस मामले में कंपनी की भारतीय इकाई, चीन और भारत के केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।


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टैक्स से जुड़ा क्या है मामला

भारत में पूरी तरह से निर्मित इलेक्ट्रिक कारों के आयात पर वाहन के मूल्य के आधार पर 70% या 100% टैक्स लगता है। हालांकि लेकिन कार के पार्ट्स के आयात को कर यहां असेंबल किया जाता है तो 15% या 35% टैक्स लगता है। हालांकि ये कम दरें तभी लगती है, जब बैटरी पैक या मोटर जैसे हिस्सों को वाहन चेसिस पर लगाए बिना विदेशों से मंगाया जाता है। एक सूत्र के मुताबिक बीवाईडी इन शर्तों को पूरा नहीं करता है तो इस पर कार की वैल्यू के हिसाब से 70 फीसदी या 100 फीसदी की देनदारी बनी।

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कड़े नियमों के चलते BYD की निवेश योजना पहले ही अटकी

बीवाईडी भारत में 100 करोड़ डॉलर का निवेश करने वाली थी। हालांकि भारत की सीमा से लगे देशों से निवेश को लेकर यहां सख्त नियम है जिसके चलते कंपनी को निवेश के लिए कड़ी जांच का सामना करना पड़ा। ऐसे में कंपनी ने अपनी भारतीय ज्वाइंट वेंचर को बताया कि यह अपनी निवेश योजना को छोड़ने पर विचार कर रही है। यह पहले ही 20 करोड़ डॉलर से अधिक निवेश कर चुकी है।

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यह कॉरपोरेट कंपनियों को Atto 3 electric SUV और e6 EV बेचती है और इसकी योजना साल के आखिरी तक Seal इलेक्ट्रिक सेडान लॉन्च करने की है। सरकारी रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों के हिसाब से 2022 से लेकर अब तक यह भारत में करीब 1960 कारें बेच चुकी है।

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