Cryptoverse: मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एथर ने कुछ दिनों पहले अपना सिस्टम अपग्रेड किया था। एथेरियम के ब्लॉकचेन सिस्टम में यह अब तक का सबसे बड़ा बदलाव था और इसे मर्ज (Merge) नाम दिया गया। अब एथेरियम अपने अगले बड़े अपग्रेड की तरफ बढ़ रहा है, शंघाई (Shanghai)। मार्केट पार्टिसिपेंट्स का मानना है कि इसे छह महीने में लाया जा सकता है।
Merge के बाद Shanghai में क्या है खास
'मर्ज' का उद्देश्य एथेरियम में बिजली की खपत को कम करना था और एथेरियम के दावे के मुताबिक इसमें बिजली की खपत 99 फीसदी कम होगी। अब इसके बाद एथेरियम जिस अपग्रेड शंघाई की तरफ बढ़ रहा है, उसका उद्देश्य हाई ट्रांजैक्शन कॉस्ट को कम करना है। इसका मतलब हुआ कि मर्ज और शंघाई मिलकर बिजली की खपत को भी कम करेंगे और ट्रांजैक्शन पर खर्च भी कम होगा।
शंघाई के लाइव होने के बाद वैलिडेटर्स ब्लॉकचेन पर जमा किए हुए एथर (Ether) को निकाल सकेंगे। अभी शंघाई के लाइव होने तक इन पर लॉक लगा हुआ है। ग्लासनोड के डेटा के मुताबिक 2 हजार करोड़ डॉलर से अधिक का एथर लॉक पड़ा हुआ है।
'शंघाई' के बाद एथेरियम के लिए ये है योजना
एथेरियम की योजना शंघाई के बाद और अपग्रेड की है। एथेरियम के फाउंडर विटालिक ब्यूटेरिन (Vitalik Buterin) ने इसे 'द सर्ज', 'वर्ज', 'पर्ज' और 'स्पलर्ज' नाम दिया है। इन सभी अपग्रेड को लेकर ब्लॉकचेन का उद्देश्य ट्रांजैक्शन की क्षमता को अधिक से अधिक बढ़ाना है।
'मर्ज' में क्या हुआ है बदलाव
कुछ दिनों पहले एथेरियम के सिस्टम में बड़ा बदलाव हुआ था जिसे मर्ज नाम दिया गया। पहले ब्लॉकचेन को वैलिडेट करने के लिए प्रूफ ऑफ वर्क सिस्टम (Pow) का इस्तेमाल होता था और अब इसकी जगह प्रूफ ऑफ स्टेक (PoS) का इस्तेमाल होने लगा। नए सिस्टम के तहत बिजली की खपत 99 फीसदी कम हो जाती है यानी कि जहां पहले 100 यूनिट बिजली खर्च होती थी, वहाीं अब किसी वैलिडेट करने की प्रक्रिया में महज 1 यूनिट बिजली खर्च होगी। पूरी डिटेल्स यहां पढ़ें-