रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शनिवार 12 नंवबर को भारतीय रुपये (Rupee) पर दबाव कम करने के लिए फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप को सही बताते हुए उसका बचाव किया। RBI गवर्नर ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) का इस्तेमाल ठीक ऐसी ही स्थितियों में किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक्सचेंज रेट में कोई अनुचित अस्थिरता न आए। 'हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट' में बोलते हुए शक्तिकांत दास ने कहा, "कुछ ऐसे ऑब्जर्वेशन किए थे कि RBI अपने रिजर्व का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहा है। ऐसा नहीं है। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि बारिश के मौसम में हमें बचाव के लिए छाता उठाना पड़ता है। हमने ऐसे ही बारिश के दिनों में अपने रिजर्व का इस्तेमाल किया है।"
दास ने आगे कहा, "हमने रिजर्व को सिर्फ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में शोपीस के लिए नहीं इकठ्ठा किया है।" बता दें कि RBI ने डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को रोकने के लिए हाल ही में अपने रिजर्व से काफी मात्रा में डॉलर को निकालकर उनकी बिक्री की थी।
अक्टूबर में 7% से कम रहेगी मंहगाई दर: शक्तिकांत दास
महंगाई के लिए 2%-6% की तय लिमिट को बदलेगा RBI?
शक्तिकांत दास ने कहा RBI ने पिछले छह-सात महीनों में महंगाई को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसके चलते अक्टूबर में इसमें कमी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि महंगाई को दो से छह फीसदी के दायरे में रखने के लक्ष्य में बदलाव की जरूरत नहीं है क्योंकि 6 प्रतिशत से अधिक की महंगाई दर देश की आर्थिक ग्रोथ पर असर डालेगी।
2023 में 7% रहेगी देश की GDP ग्रोथ: शक्तिकांत दास
RBI गवर्नर ने भरोसा जताया कि भारत वित्त वर्ष 2023 में 7% की GDP ग्रोथ के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया ने कई झटके झेले हैं। मैंने इन्हें तीन झटके कहता हूं। पहला कोरोना महामारी, फिर यूक्रेन में युद्ध और अब वित्तीय बाजार में उथल-पुथल।"
शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्तीय बाजार में उथल-पुथल मुख्य रूप से विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाने के कारण आई हैं। जिसका अप्रत्यक्ष नुकसान भारत जैसी विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं को झेलना पड़ रहा है।