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GST सिस्टम में नहीं रहेंगे 12% और 28% के स्लैब, केवल 5% और 18% की दो दरें रखने का प्रस्ताव

GST Shake-Up: लग्जरी थिंग्स और नुकसानदेह चीजों पर 40 प्रतिशत की विशेष दर का प्रस्ताव है। देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ था। संशोधित व्यवस्था में आम आदमी के रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली चीजों पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Aug 15, 2025 पर 6:57 PM
GST सिस्टम में नहीं रहेंगे 12% और 28% के स्लैब, केवल 5% और 18% की दो दरें रखने का प्रस्ताव
GST दरों में बदलाव से रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली चीजों की कीमतें कम हो जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त की सुबह लाल किले की प्राचीर से ऐलान किया कि दिवाली तक GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) की दरों में कटौती कर दी जाएगी, जिससे रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली चीजों की कीमतें कम हो जाएंगी। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि उसने राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह के समक्ष दो स्लैब वाले GST रेट स्ट्रक्चर और कुछ चुनिंदा चीजों के लिए विशेष दरों का प्रस्ताव रखा है। अब खबर आ रही है कि केंद्र सरकार ने रिवाइज्ड GST व्यवस्था के तहत 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की 2 दरों का प्रस्ताव रखा है। साथ ही लग्जरी थिंग्स और नुकसानदेह चीजों (Sin Goods) पर 40 प्रतिशत की विशेष दर का प्रस्ताव है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि GST के मौजूदा 12 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में शामिल 99 प्रतिशत सामानों को रिवाइज्ड GST व्यवस्था में 5 प्रतिशत वाले स्लैब में डाल दिया जाएगा। इसी तरह 28 प्रतिशत रेट वाली कैटेगरी में आने वाली लगभग 90 प्रतिशत चीजों को संशोधित GST व्यवस्था में 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में डाला जाएगा।

फिलहाल जरूरी फूड आइटम्स पर शून्य प्रतिशत GST लगाया जाता है। रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों पर 5 प्रतिशत, स्टैंडर्ड आइटम्स पर 12 प्रतिशत और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर 18 प्रतिशत GST लगता है। लग्जरी और सिन गुड्स पर 28 प्रतिशत GST है। कुछ चीजों पर कंपंजेशन सेस भी लगाया गया है। कंपंजेशन सेस व्यवस्था 31 मार्च, 2026 को खत्म हो रही है।

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