बड़ा खेल! भारत में बिना टैक्स दिए आ रहा सोना, आयातक इन देशों का कर रहे इस्तेमाल

Gold Import: भारत में बिना कोई टैक्स चुकाए गोल्ड लाने का आयातकों (इंपोर्टर्स) ने नया रास्ता खोज निकाला है। ये आयातक थाईलैंड, इंडोनेशिया और तंजानिया जैसे देशों से गोल्ड को 'प्लैटिनम अलॉय' के रूप में भारत ला रहे हैं। ये कस्टम अधिकारियों को इन्हें 'प्लैटिनम अलॉय' बताकर दिखाते हैं, जिससे उन्हें गोल्ड पर कोई इंपोर्ट ड्यूटी या टैक्स नहीं देना पड़ता है

अपडेटेड Dec 26, 2024 पर 5:43 PM
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Gold Import: थाईलैंड, इंडोनेशिया और तंजानिया जैसे देशों से आने वाले प्लैटिनम मिश्र धातु पर कोई टैक्स नहीं लगता है

Gold Import: भारत में बिना कोई टैक्स चुकाए गोल्ड लाने का आयातकों (इंपोर्टर्स) ने नया रास्ता खोज निकाला है। ये आयातक थाईलैंड, इंडोनेशिया और तंजानिया जैसे देशों से गोल्ड को 'प्लैटिनम अलॉय' के रूप में भारत ला रहे हैं। ये कस्टम अधिकारियों को इन्हें 'प्लैटिनम अलॉय' बताकर दिखाते हैं, जिससे उन्हें गोल्ड पर कोई इंपोर्ट ड्यूटी या टैक्स नहीं देना पड़ता है।

इस मामले से वाकिफ कई सूत्रों ने बताया कि ये एक लीगल लूपहोल का मामला है। आयातक पूरी तरह कानूनी रूप से उपलब्ध रास्ते का इस्तेमाल करके ऐसे मिश्रधातु का आयात कर रहे हैं जिसमें प्लैटिनम की मात्रा दो प्रतिशत से अधिक होती हो और मिश्रधातु का बाकी हिस्सा मुख्य रूप से गोल्ड का हो। यह पूरी तरह कस्टम टैरिफ नियमों के मुताबिक है।

नियमों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात से आयात किए जाने पर प्लैटिनम मिश्र धातु पर आम तौर पर 5 प्रतिशत (0.5 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी और 4.5 प्रतिशत एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस) टैक्स लगता है। लेकिन थाईलैंड, इंडोनेशिया और तंजानिया जैसे देशों से आने वाले प्लैटिनम मिश्र धातु पर कोई टैक्स नहीं लगता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत का आसियान (ASEAN) देशों के साथ फ्री ट्रेड समझौता है। साथ ही उसने कई अल्प विकसित देशों से व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी जीरो रखी हुई है। इसके चलते इन देशों से प्लैटिनम मिश्र धातु के आयात पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।


दूसरी ओर गोल्ड के इंपोर्ट पर 6 फीसदी ड्यूटी लगता है।

कैसे काम करता है यह नया रास्ता?

सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे की पूरा राज मिश्र धातु की परिभाषा में छिपा हुआ है। कस्टम्स टैरिफ एक्ट के मुताबिक, अगर किसी मिश्र धातु में प्लैटिनम की मात्रा 2 फीसदी से अधिक है तो उसे प्लैटिनम मिश्र धातु के रूप में माना जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर कोई आयातक मिश्र धातु में केवल 2 प्रतिशत प्लैटिनम रखता है और बाकी 98 प्रतिशत सोना रखता है, तो वह इसे 'प्लैटिनम मिश्र धातु' के रूप में दिख सकता है।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली और गुड़गांव इलाके के कुछ इंपोर्टर इस नए रास्ते के मास्टर बन गए हैं। वे थाईलैंड, इंडोनेशिया या तंजानिया जैसे देशों के रास्ते प्लैटिनम मिश्र धातु के रूप में सोना का आयात कर रहे हैं और इन देशों के साथ जीरो कस्टम ड्यूटी समझौते का लाभ उठा रहे हैं।

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ इंटेलीजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (DGCIS) के आंकड़ों से भी इसकी पुष्टि होती है। इस साल जुलाई तक तंजानिया से कच्चे और अर्ध-निर्मित रूप में लाए जाने वाले प्लैटिनम मिश्र धातु का आयात लगभग जीरो था। लेकिन इसके बाद अगस्त में यह बढ़कर 267 किलो हो गया। वहीं थाईलैंड और इंडोनेशिया के रास्ते का इस्तेमाल भारतीय आयातकों ने पिछले नवंबर से ही शुरू किया है, जिसके सटीक आंकड़े आने में अभी कुछ समय लगता है।

मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि प्लैटिनम मिश्र धातु के रूप में सोने को भारत में लाने के बाद वे दोबारा इस धातु को रिफाइन कर इससे सोना निकाल लेते हैं और बाजार में बेच देते हैं।

मनीकंट्रोल ने एक आयातक के बिल की कॉपी देखी है। बिल में बताया गया है कि विक्रेता थाईलैंड का था और आयातक ने उससे अर्ध-निर्मित रूप में लगभग 80 किलोग्राम प्लैटिनम मिश्रधातु खरीदा था। इससे भी अहम बात यह है कि उसने जिस प्लैटिनम मिश्र धातु का आयात किया था, उसमें 89 प्रतिशत सोना, 4 प्रतिशत प्लैटिनम और बाकी मिश्र धातु तैयार करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दूसरी सामग्री थी।

बजट के बाद UAE से प्लैटिनम अलॉय आना हुआ बंद

भारतीय आयातक पहले भी प्लैटिनम मिश्र धातु के रूप में सोना लाने के लिए इसी तरह की चाल का इस्तेमाल करते थे। लेकिन तब वह UAE के रास्ते का इस्तेमाल करते थे। हालांकि जुलाई में पेश हुए इंपोर्ट बजट में सरकार ने सोने पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया, जिससे उन आयातकों का इस रास्ते से होने वाला लाभ कम हो गया। UAE से आने वाले प्लैटिनम मिश्र धातु पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता है।

ऐसे में आयतकों ने UAE की जगह दूसरे रास्ते की खोज करनी शुरू कर दी है और अब थाईलैंड, इंडोनेशिया और तंजानिया जैसे देश इस तरह के इंपोर्ट के लिए बड़े हब के रूप में उभर रहे हैं।

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