भारत कंपनियों के लिए विदेशी मालिकाना हक यानि फॉरेन ओनरशिप नियमों को कड़ा करने की योजना बना रहा है। इसका ई-कॉमर्स से लेकर फार्मास्यूटिकल्स तक के कारोबारों पर बड़ा असर पड़ सकता है। यह बात रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कही गई है। ये बदलाव डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से फॉरेन ओनरशिप वाली कंपनियों को शेयर ट्रांसफर या रीस्ट्रक्चरिंग के मामले में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) रेगुलेशंस के अधीन बनाएंगे।