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Jio Financial : क्या फाइनेंशियल सर्विसेज में भी मिलेगी टेलीकॉम जैसी सफलता?

RIL ने 2016 में टेलीकॉम बिजनेस (Jio) की शुरुआत की थी। यह सब्सक्राइबर्स की संख्या के लिहाज से टेलीकॉम सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है। जियो ने एग्रेसिव प्राइसिंग स्ट्रेटेजी से टेलीकॉम सेक्टर में हलचल मचाई थी। RIL जिस सेक्टर में उतरती है, उसमें बड़े बदलाव लाती है। हम टेलीकॉम और रिटेल सेक्टर में यह देख चुके हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 21, 2023 पर 5:21 PM
Jio Financial : क्या फाइनेंशियल सर्विसेज में भी मिलेगी टेलीकॉम जैसी सफलता?
जियो फाइनेंशियल एनबीएफसी को कड़ा टक्कर दे सकती है। इसकी वजह यह है कि इसे जियो और अपने रिटेल स्टोर्स की ताकत का फायदा मिलेगा।

Jio Financial Services के शेयर 21 अगस्त को स्टॉक मार्केट पर लिस्ट हो गए। उसके बाद शेयरों में गिरावट देखी गई। इसका प्राइस 262 रुपये के डिस्कवर्ड प्राइस से नीचे आ गए हैं। कारोबार के अंत में ये एनएसई पर 5 फीसदी गिरकर 248.90 रुपये के भाव पर बंद हुए। इसके साथ ही जियो फाइनेंशयिल अब Bajaj Finance और Bajaj Finserv के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म बन गई है। बजाज फाइनेंस का मार्केट कैप 4,24,445 करोड़ रुपये है। बजाज फिनसर्व का मार्केट कैप 2,34,784 करोड़ रुपये है। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.59 लाख करोड़ रुपये है। इसके बाद लिस्ट में चोलामंडलम इनवेस्टमेंट है, जिसका मार्केट कैप 80000 करोड़ रुपये है। RIL जिस सेक्टर में उतरती है, उसमें बड़े बदलाव लाती है। हम टेलीकॉम और रिटेल सेक्टर में यह देख चुके हैं। सवाल है कि क्या JFS को फाइनेंशियल सेक्टर में वैसी ही कामयाबी हासिल होगी?

जियो ने टेलीकॉम मार्केट में मचाई थी हलचल

RIL ने 2016 में टेलीकॉम बिजनेस (Jio) की शुरुआत की थी। यह सब्सक्राइबर्स की संख्या के लिहाज से टेलीकॉम सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है। जियो ने एग्रेसिव प्राइसिंग स्ट्रेटेजी से टेलीकॉम सेक्टर में हलचल मचाई थी। लेकिन, ऐसी कामयाबी की उम्मीद JFS के मामले में नहीं की जा सकती, क्योंकि फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस काफी रेगुलेटेड है। फंडिंग कॉस्ट के मामले में जेएफएस को बढ़त मिलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि उसे बैंकिंग लाइसेंस मिलने के आसार नहीं हैं। RBI ने देश के बड़े बिजनेस ग्रुप को बैंकिंग लाइसेंस नहीं देने की पॉलिसी अपनाई है।

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