म्यूचुअल फंडों (Mutual Funds) में निवेशक जमकर पैसे लगा रहे हैं। पिछले महीने नवंबर में पहली बार म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 40 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। पिछले महीने एयूएम 40.37 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि अक्टूबर में यह आंकड़ा 39.50 लाख करोड़ रुपए था। हालांकि इक्विटी फंडों में निवेशकों की घबराहट दिखी है। महंगे वैल्यूएशन के चलते पिछले महीने ओपन-एंडेड इक्टिी फंड्स में महज 2358 करोड़ रुपये का निवेश हुआ जो अक्टूबर 2022 की तुलना में 75 फीसदी कम था। अक्टूबर में इसमें 9390 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। लगातार 21वें महीने इक्विटी फंड में निकासी से ज्यादा निवेश हुआ है लेकिन 21 महीने में सबसे कम भी रहा है।
SIP के जरिए जमकर हुआ निवेश
एसोसिएशन ऑफ म्यूचु्अल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की तरह से जो आंकड़े शुक्रवार 9 दिसंबर को जारी हुए हैं, उसके मुताबिक एसआईपी (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान्स) के जरिए निवेश रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। नवंबर में एसआईपी में 13307 करोड़ रुपये का निवेश आया। एसआईपी ने पहली बार अक्टूबर 2022 में 13 हजार करोड़ रुपये का लेवल पार किया था। एलकेपी सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड एस रंगनाथन के मुताबिक इस साल डॉलर के हिसाब से दुनिया के सभी बड़े बाजारों में भारत का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा। विदेशी संस्थागत निवेशक अपने पैसे निकाल रहे हैं तो घरेलू निवेशक एसआईपी के जरिए रिकॉर्ड पैसे लगा रहे हैं।
इक्विटी फंडों में कम हो रहा रूझान
ग्रोथ या इक्विटी कैटेगरी में लार्ज कैप फंड्स से पिछले महीने निवेशकों ने 1039 करोड़ रुपये की निकासी की जबकि मिडकैप फंड में 1176 करोड़ रुपये और स्मॉलकैप फंड में 1378 करोड़ रुपये का निवेश आया। फ्लेक्सीकैप फंड से 863 करोड़ रुपये की निकासी हुई। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एनालिस्ट-मैनेजर रिसर्च मेल्विन संटारिटा के मुताबिक सबसे दिलचस्प यह रहा कि लंबे समय बाद लार्ज कैप और फ्लेक्सी कैप में निकासी दिखी। लार्ज कैप में अगस्त 2021 और फ्लेक्सी कैप में फरवरी 2021 के बाद से पहली बार नवंबर 2022 में निकासी हुई।
आर्बिट्रेज से हो रही निकासी
हाइब्रिड कैटेगरी से 6477.33 करोड़ रुपये की निकासी हुई। ऑर्बिट्रेज फंड्स से 4075 करोड़ रुपये और डायनमिक एसेट एलोकेशन/बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स से 1594 करोड़ रुपये की निकासी हुई। एएमएफआई के चीफ एग्जेक्यूटिव एनएस वेंकटेश के मुताबिक कैश और फ्यूचर मार्केट के बीच आर्बिट्रेज के मौकों की कमी के चलते आर्बिट्रेज फंडों से भारी निकासी हुई। इसके अलावा इन फंडों से निवेशकों को मुनाफा मिला तो वे इसे लेकर निकल लिए।
पिछले महीने डेट फंडों में 3669 करोड़ रुपये का नेट निवेश आया और सबसे अधिक खरीदारी लिक्विड फंड में दिखी। लिक्विड फंडों में पिछले महीने 34276 करोड़ रुपये की खरीदारी रही और मनी मार्केट फंडों में 4942 करोड़ रुपये की खरीदारी रही। वहीं दूसरी तरफ ओवरनाइट फंडों से 31928 करोड़ रुपये और शॉर्ट ड्यूरेशन फंडों से 1914 करोड़ रुपये की निकासी हुई। वेंकटेश के मुताबिक निवेशक इंटेरेस्ट रेट के हिसाब से ऊपर-नीचे होने वाली योजनाओं से पैसे निकाल रहे हैं और इसे कम अवधि वाली योजनाओं में डाल रहे हैं जिसके चपिछले महीने एयूएम 40.37 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि अक्टूबर में यह आंकड़ा 39.50 लाख करोड़ रुपए था। लते लिक्विड फंडों में निवेश का अच्छा रूझान दिखा।
पैसिव फंड्स में भी दिखी दिलचस्पी
नवंबर में निवेशकों की दिलचस्पी पैसिव फंड्स नें भी दिखी। इंडेक्स फंड में पिछले महीने 8601.73 करोड़ रुपये का निवेश आया। वहीं दूसरी तरफ गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेशकों ने मुनाफा वसूली की। निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से पिछले महीने 198 करोड़ रुपये निकाल लिए। वहीं अक्टूबर में गोल्ड ईटीएफ में 147 करोड़ रुपये का निवेश आया था। एलएक्सएमई की मनी कोच प्रिया अग्रवाल के मुताबिक शादियों का सीजन चल रहा है जो पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ की बड़ी वजह हो सकती है।