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प्राइस कैप हटने के बाद हवाई यात्रियों को तोहफा, विमान कंपनियों ने किराए में की भारी कटौती, अब इतना होगा खर्च

घरेलू सफर के लिए हवाई किराए पर प्राइस कैप हटने के बाद अब कई अहम रास्तों के किराए में विमान कंपनियों ने भारी कटौती है

अपडेटेड Sep 06, 2022 पर 1:34 PM
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प्राइस कैप हटने के बाद विमान कंपनियां मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए किराया घटा रही हैं।

हाल ही में सरकार ने घरेलू यात्रियों के लिए हवाई किराए पर प्राइस कैप को हटाने का ऐलान किया था। इसके हटने के बाद अब कई अहम रास्तों के किराए में विमान कंपनियों ने भारी कटौती है। ऊंची लागत के चलते पिछले कुछ महीने किराए में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई थी लेकिन अब प्राइस कैप हटने के कुछ ही दिन बाद अकासा एयर (Akasa Air), इंडिगो (IndiGo), एयर एशिया (Air Asia), गोफर्स्ट (GoFirst) और विस्तारा (Vistara) ने किराए में कटौती की है।

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इतनी मिली राहत


अकासा एयर ने कई रूट्स पर किराए में कटौती की है। अब मुंबई से बेंगलूरू की फ्लाइट के लिए 2000-2200 रुपये और मुंबई से अहमदाबाद के लिए महद 1400 रुपये का किराया देना होगा। पहले मुंबई से बेंगलूरु के लिए इसी सीट के लिए 3948 और मुंबई से अहमदाबाद के लिए 5008 रुपये का किराया देना होता था। देश की सबसे बड़ी विमान कंपनी इंडिगो के किराए भी अकासा एयर के समान हैं और गोफर्स्ट ने भी कटौती है।

दिल्ली से लखनऊ के बीच हवाई सफर के लिए एयर एशिया और इंडिगो अब 3500-4000 रुपये की बजाय 1900-2200 रुपये देने पडेंगे। वहीं कोच्चि से बेंगलूरू के बीत गोफर्स्ट, इंडिगो और एयरएशिया ने 1100-1300 रुपये किराया कर दिया है। मुंबई से जयपुर के बीच के लिए अब 5000-5500 की बजाय महज 3900 रुपये में हवाई सफर कर सकते हैं।

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फेस्टिव सीजन में किराया महंगा होने के आसार कम

प्राइस कैप हटने के बाद विमान कंपनियां मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए किराया घटा रही हैं। एविएशन एक्सपर्ट अमेया जोशी के मुताबिक इस प्रकार का तगड़ा कंपटीशन या तो कमजोर कंपनी को रेस से बाहर कर देगी या सभी कंपनियों के मुनाफे का रास्ता कुछ लंबा हो सकता है। विमान कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक किराए में कटौती की बड़ी वजह जुलाई-सितंबर तिमाही में कम मांग है क्योंकि भारत में घूमने-फिरने के हिसाब से यह ऑफ-सीजन है। हालांकि उनका भी मानना है कि फेस्टिव सीजन आने पर किराया उस स्तर तक महंगा नहीं होगा, जैसा प्राइस कैप की स्थिति में था।

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दो साल पहले लगा था प्राइस कैप, 31 अगस्त से हट गया

करीब दो साल पहले केंद्र सरकार ने मई 20202 में महामारी के चलते ठप्प हुई हवाई यात्राओं को दोबारा मंजूरी दी तो किराए की न्यूनतम व अधिकतम सीमा यानी प्राइस कैप तय कर दिया था। इसके तहत 40 मिनट से कम की घरेलू यात्रा के लिए विमान कंपनियां 2900 रुपये से कम और 8800 रुपये से अधिक किराया नहीं वसूल सकती थीं। इसमें जीएसटी शामिल नहीं है। अब इस कैप को 31 अगस्त से हटा लिया गया है।

MoneyControl News

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First Published: Sep 06, 2022 1:34 PM

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