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Razorpay और Cashfree को पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए RBI से मंजूरी

पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनियों- रेजरपे और कैशफ्री को पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए रिजर्व बैंक से फाइनल मंजूरी मिल गई है। कैशफ्री ने 10 दिसंबर को लिंक्डइन पर लिखा, 'हमें पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए रिजर्व बैंक से अंतिम मंजूरी मिल गई है। हमें इस बात का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि हम अब कैशफ्री पेमेंट गेटवे पर बिजनेस की ऑनबोर्डिंग कर रहे हैं'

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 19, 2023 पर 9:30 PM
Razorpay और Cashfree को पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए RBI से मंजूरी
रिजर्व बैंक ने तकरीबन एक साल पहले रेजरपे, कैशफ्री और स्ट्राइप जैसी कंपनियों द्वारा नए मर्चेंट्स की ऑनबोर्डिंग पर रोक लगा दी थी।

पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनियों- रेजरपे (Razorpay) और कैशफ्री (Cashfree) को पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए रिजर्व बैंक से फाइनल मंजूरी मिल गई है। कैशफ्री ने 10 दिसंबर को लिंक्डइन पर लिखा, 'हमें पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए रिजर्व बैंक से अंतिम मंजूरी मिल गई है। हमें इस बात का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि हम अब कैशफ्री पेमेंट गेटवे पर बिजनेस की ऑनबोर्डिंग कर रहे हैं।'

मनीकंट्रोल (Moneycontrol) ने 16 दिसंबर, 2022 को सबसे पहले खबर दी थी कि रिजर्व बैंक की एडवाइजरी के बाद रेजरपे और अन्य इकाइयों ने ऑनलाइन पेमेंट मर्चेंट की ऑनबोर्डिंग को रोक दिया था। रेजरपे ने मनीकंट्रोल को बताया, 'हम अब अपने पमेंट गेटवे प्लेटफॉर्म पर नए बिजनेस को जोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। रेजरपे को पेमेंट सेटलमेंट्स एक्ट के तहत पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर ऑपरेट करने के लिए रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई है।'

रिजर्व बैंक ने तकरीबन एक साल पहले रेजरपे, कैशफ्री और स्ट्राइप जैसी कंपनियों द्वारा नए मर्चेंट्स की ऑनबोर्डिंग पर रोक लगा दी थी। रिजर्व बैंक का कहना था कि जब तक इन कंपनियों को पेमेंट एग्रीगेटर का लाइसेंस नहीं मिल जाता, तब तक ये कंपनियां यह काम नहीं कर सकती हैं। पेमेंट एग्रीगेटर ऐसी इकाइयां होती हैं, जो ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और मर्चेंट्स को कस्टमर्स के विभिन्न तरह के इंस्ट्रूमेंट्स को स्वीकार करने में मदद मुहैया कराती हैं। पेमेंट एग्रीगेटर्स को ग्राहकों से पेमेंट मिलती है और वे इसे मर्चेंट्स को ट्रांसफर करते हैं।

पेटीएम (PayTm), पेयू (PayU) और जस्टपे (JusPay) जैसी कंपनियों को अभी भी इस मामले में रिजर्व बैंक की अनुमति नहीं मिली है। पाइन लैब्स, रेजरेप और अमेरिकी पेमेंट्स कंपनी स्ट्राइप को जुलाई 2022 में पेमेंट एग्रीगेटर के लाइसेंस के लिए रिजर्व बैंक से सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी मिली थी। हालांकि, अंतिम मंजूरी पिछले एक साल से भी ज्यादा से पेंडिंग थी। सूत्रों के मुताबिक, एनकैश (Enkash) और पेमेंट्ज (Paymentz) को भी इसकी मंजूरी मिल गई है।

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