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PayU कर सकेगी पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम, RBI से मिली सैद्धांतिक मंजूरी

PayU इस लाइसेंस के लिए अपनी रीएप्लीकेशन पर पिछले एक साल से RBI के साथ मिलकर काम कर रही थी। जनवरी 2023 में RBI ने जटिल कॉरपोरेट स्ट्रक्चर के कारण PA के तौर पर काम करने की PayU की एप्लीकेशन को स्वीकार नहीं किया था। वित्त वर्ष 2023 में, PayU India ने 40 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू दर्ज किया। PayU अपना IPO लाना चाहती है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Apr 24, 2024 पर 8:12 AM
PayU कर सकेगी पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम, RBI से मिली सैद्धांतिक मंजूरी
फिनटेक फर्म PayU में दिग्गज कंपनी प्रोसस का भी निवेश है।

लगभग 15 महीने के इंतजार के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फिनटेक फर्म PayU को पेमेंट एग्रीगेटर (PA) के रूप में काम करने और नए मर्चेंट्स को फिर से अपने साथ जोड़ने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। PayU में दिग्गज कंपनी प्रोसस का भी निवेश है। जनवरी 2023 में RBI ने जटिल कॉरपोरेट स्ट्रक्चर के कारण PA के तौर पर काम करने की PayU की एप्लीकेशन को स्वीकार नहीं किया था और कंपनी को इसके लिए फिर से आवेदन करने का निर्देश दिया था।

इस कदम के बाद, PayU को अपने ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेशन बिजनेस के लिए नए मर्चेंट्स को अपने साथ जोड़ना बंद करना पड़ा। इसी तरह का प्रतिबंध Paytm, Razorpay और Cashfree पर लगाया गया था। Razorpay और Cashfree को पिछले साल दिसंबर में मंजूरी मिल गई थी। Paytm अभी भी मंजूरी का इंतजार कर रही है।

अनुपालन और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर लगातार फोकस: PayU CEO

PayU के सीईओ अनिर्बान मुखर्जी ने कहा कि RBI की ओर से यह वैलिडेशन PayU प्लेटफॉर्म पर नए कारोबारों का स्वागत करने का मार्ग प्रशस्त करता है। यह अनुपालन और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर कंपनी के निरंतर फोकस का भी सबूत है। उन्होंने आगे कहा, 'यह लाइसेंस भारत में निहित विश्व स्तर पर प्रसिद्ध डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को स्थापित करने के हमारे मिशन में महत्वपूर्ण है। सरकार की डिजिटल इंडिया पहल और RBI के दूरदर्शी नियमों के अनुरूप, हम डिजिटाइजेशन और वित्तीय इंक्लूजन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं, विशेष रूप से छोटे मर्चेंट्स के लिए।'

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