Rupert Murdoch ने Fox और News के विलय का प्रस्ताव लिया वापस, इस कारण नहीं बनी बात

News Corp और Fox Corp को करीब 10 साल पहले अलग किया गया था। इसे फिर से मिलाने की कोशिशें सफल नहीं हुई और रूपर्ट मर्डोक को अपना प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। इसके शेयरहोल्डर्स ने विलय के प्रस्ताव का कुछ कारणों से विरोध किया था जिसकी वजह से ऐसा नहीं हो पाया। जानिए किन वजहों से यह विलय नहीं हो पाया और मर्डोक से भी ज्यादा इन दोनों कंपनियों में किसकी हिस्सेदारी है

अपडेटेड Jan 25, 2023 पर 1:27 PM
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Rupert Murdoch ने News Corp और Fox Corp को करीब 10 साल पहले अलग किया था।

रूपर्ट मर्डोक (Rupert Murdoch) ने फॉक्स कॉर्प (Fox Corp) और न्यूज कॉर्प (News Cor) को फिर से एक करने के प्रस्ताव को वापस ले लिया है। फॉक्स ने मंगलवार को जानकारी दी कि इसके बोर्ड को चेयरमैन मर्डोक और उनके बेटे Lachlan Murdoch ने एक लेटर भेजा है जिसमें कंबाइन करने के प्रस्ताव को शेयरधारों के लिए फायदेमंद नहीं बताया गया है। Lachlan Murdoch फॉक्स के सीईओ भी हैं। रूपर्ट और लचलान के पत्र के मुताबिक फॉक्स और न्यूज दोनों को फिर से मिलाना दोनों के ही शेयरधारकों के लिए फिलहाल फायदेमंद नहीं है।

यह प्रस्ताव ऐसे समय में वापस लिया गया है जब न्यूज कॉर्प Realtor.com की पैरेंट कंपनी मूव इंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत को काफी आगे बढ़ा चुकी है। इस हिस्सेदारी को बेचने के लिए रीयल एस्टेट कंपनी कोस्टार ग्रुप से बातचीत चल रही है।

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अब News Corp के सौदे पर क्या होगा असर

न्यूज कॉर्प के प्रवक्ता ने इस मसले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। हालांकि इसके सीईओ रॉबर्ट थॉमसन ने एंप्लॉयीज से कहा है कि प्रस्तावित डील के खारिज होने का उन पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने सभी एंप्लॉयीज से इस मामले में चुप्पी रखने को कहा है। वाल स्ट्रीट जर्नल पब्लिशर डाउ जोन्स (Dow Jones) के अलावा न्यूज कॉर्प के पास बुक पब्लिशर HarperCollins और New York Post का भी मालिकाना हक है। वर्ष 2014 में इसने मूव में 80 फीसदी हिस्सेदारी खरीद लिया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया की एक रीयल एस्टेट कंपनी REA Limited Group की मूव में 20 फीसदी हिस्सेदारी है। आरईए में न्यूज कॉर्प की 61.6 फीसदी हिस्सेदारी है।

क्यों नहीं हो पाया विलय

मर्डोक ने दस साल पहले 2013 में दोनों कंपनियों को अलग कर दिया था। दोनों ही कंपनियों में मर्डोक फैमिली ट्रस्ट के पास करीब 40 फीसदी वोटिंग राइट्स हैं। पिछले साल अक्टूबर में इन्हें फिर से एक करने के लिए एक स्पेशल कमेटी बनाई गई थी। माना जा रहा था कि अगर दोनों कंपनियां एक होती हैं तो प्रिंट और टीवी मीडिया के घटते क्रेज के दौर में लागत कम करने में मदद मिलती और मर्डोक की बाजार में स्थिति मजबूत होती। न्यूज कॉर्प का डाउ जोन्स और फॉक्स का फॉक्स न्यूज और फॉक्स बिजनेस पर मालिकाना हक है। फॉक्स न्यूज सीएनबीसी की प्रतिद्वंद्वी है। हालांकि शेयरहोल्डर्स ने विलय के प्रस्ताव का विरोध किया क्योंकि उनका मानना है कि इससे न्यूज कॉर्प अपना असली दम नहीं दिखा पाएगा।

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वहीं न्यूज कॉर्प के कुछ शेयरहोल्डर्स जैसे कि इंडेपेंडेंट फ्रेंचाइजी पार्टनर्स का मानना है कि इसको फॉक्स में मिलाने की बजाय न्यूज कॉर्प को हिस्सों में बांटने पर विचार करना चाहिए। ब्रिटिश कंपनी Independent Franchise Partners दोनों ही न्यूज कॉर्प और फॉक्स की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है। एक और शेयरहोल्डर Irenic Capital Management ने विलय के प्रस्ताव का विरोध किया। इसका कहना है कि फॉक्स ने न्यूज कॉर्प के स्ट्रैटजिक गोल्स को पूरा नहीं किया। वहीं दोनों ही दिग्गज शेयरहोल्डर्स का मानना है कि न्यूज और फॉक्स के शेयर अंडरवैल्यूएड हैं।

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First Published: Jan 25, 2023 1:27 PM

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