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Koo Shut Down: देसी ट्विटर 'कू' कहने वाला है गुडबाय, अधिग्रहण के लिए बातचीत हो गई नाकाम

Koo is shutting down: यह पहली भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट थी, जो 10 भाषाओं में उपलब्ध थी। टाइगर ग्लोबल के निवेश वाले कू स्टार्टअप ने अब तक एक्सेल, 3one4 कैपिटल, नवल रविकांत, बालाजी श्रीनिवासन, कलारी कैपिटल और कई अन्य से 6.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। कू ने भारत में लॉन्च होने के बाद नाइजीनिया और ब्राजील में भी सर्विसेज का विस्तार किया

अपडेटेड Jul 03, 2024 पर 1:15 PM
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Koo ऐप के लॉन्च होने के बाद से लगभग 6 करोड़ डाउनलोड हो चुके हैं।

भारत के ट्विटर के रूप में 4 साल पहले सर्विस शुरू करने वाला सोशल मीडिया स्टार्टअप Koo बंद होने जा रहा है। अधिग्रहण के लिए लंबी बातचीत नाकाम होने के बाद Koo की सर्विसेज बंद की जा रही हैं। Koo के को-फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने 3 जुलाई को लिंक्डइन पोस्ट में कहा, "हमने कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों के साथ साझेदारी की संभावना तलाशी। लेकिन इन बातचीत से हमें वह नतीजा नहीं मिला, जो हम चाहते थे। उनमें से अधिकांश, यूजर जनरेटेड कंटेंट और सोशल मीडिया कंपनी के वाइल्ड नेचर से डील नहीं करना चाहते थे।"

"उनमें से कुछ ने पार्टनरशिप को साइन करने के करीब ही प्राथमिकता बदल दी। हालांकि हम ऐप को चालू रखना चाहते थे, लेकिन सोशल मीडिया ऐप को चालू रखने के लिए टेक्नोलॉजी सर्विसेज की लागत अधिक है और हमें यह कठिन निर्णय लेना पड़ा है।"

अब तक 6.5 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटा चुका है स्टार्टअप


टाइगर ग्लोबल के निवेश वाले Koo स्टार्टअप ने अब तक एक्सेल, 3one4 कैपिटल, नवल रविकांत, बालाजी श्रीनिवासन, कलारी कैपिटल और कई अन्य से 6.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। Koo को साल 2020 में लॉन्च किया गया था और यह पहली भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट थी, जो 10 भाषाओं में उपलब्ध थी। ऐप के लॉन्च होने के बाद से लगभग 6 करोड़ डाउनलोड हो चुके हैं। लॉन्च होने पर Koo को कई सिलेब्रिटीज और मंत्रियों ने प्रमोट किया था।

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Koo ने भारत में लॉन्च होने के बाद नाइजीनिया और ब्राजील में भी सर्विसेज का विस्तार किया। और फंडिंग न जुटा पाने के चलते स्टार्टअप मुश्किल में आ गया और कर्मचारियों की छंटनी भी करनी पड़ी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, फाउंडर्स को कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान अपनी जेब ​से करना पड़ा।

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