आईफोन (iPhone) की चमक कम हो रही है? एपल (Apple) के वित्तीय नतीजे तो यही संकेत दे रहे हैं। आईफोन की बिक्री में गिरावट के चलते लगातार तीसरी तिमाही में एपल की सेल्स गिरी है। हालांकि इसकी वजह मजबूत डॉलर भी है। अब कंपनी ने इस तिमाही भी ऐसी ही कारोबरी स्थिति का अनुमान लगाया है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक एपल के वित्त वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) की तीसरी तिमाही अप्रैल-जून 2023 में इसका रेवेन्यू 1.4 फीसदी गिर गया। इसका ऐलान करते हुए कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) Luca Maestri ने कांफ्रेंस कॉल में आशंका जताई कि सितंबर तिमाही में भी ऐसी ही स्थिति रहेगी।
अगर ऐसा होता है तो दुनिया की सबसे अधिक वैल्यू वाली कंपनी के लिए यह पिछले दो दशकों में सबसे लंबी गिरावट रहेगी। खराब नतीजे ते चलते एपल के शेयर शुक्रवार को नास्डाक पर 4.8 फीसदी टूटकर 181.99 डॉलर पर आ गए और इसका मार्केट कैप 3 ट्रिलियन यानी 3 लाख करोड़ डॉलर (248.05 लाख करोड़ रुपये) के नीचे आ गया। इसके शेयरों में यह सितंबर 2022 के बाद से एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट रही।
मजबूत डॉलर ने कैसे किया Apple को परेशान
एपल को ओवरऑल 8180 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू हासिल हुआ जो मार्केट के अनुमान से कुछ ही ज्यादा रहा। इसे रिकॉर्ड सर्विसेज सेल्स से सपोर्ट मिला। हालांकि दूसरी तरफ आईफोन की मांग अनुमान से भी ज्यादा कमजोर रही। कंपनी का कहना है कि मजबूत डॉलर के चलते इसके रेवेन्यू को और झटका लगा है। सीईओ टिम कुक और सीएफओ ने जोर देकर कहा कि सालाना आधार पर सेल्स के आंकड़े और बेहतर होते, अगर डॉलर के भाव स्थिर रहे होते। कंपनी का अधिकतर रेवेन्यू अमेरिका के बाहर से आता है।
अब अगली तिमाही में iPhone 15 दिला सकती है राहत
एपल का मानना है कि इस तिमाही में भी कारोबार प्रदर्शन कमजोर रह सकता है। हालांकि इस तिमाही में नया आईफोन 15 और एपल वॉच लॉन्च हो सकता है। पिछली तिमाही में हाई-एंड डेस्कटॉप कंप्यूटर और बड़े मैकबुक एयर में मामूली अपडेट के अलावा एपल का कोई नया प्रोडक्ट्स नहीं था। अब चूंकि आईफोन का नया मॉडल सितंबर में आने वाला है तो आईफोन 14 की मांग कम हो रही है और एपल के लिए वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर इस वजह से रेवेन्यू के लिहास से काफी खास रहती है। पिछली तिमाही में आईफोन के बिक्री की बात करें तो सालाना आधार पर यह 2.4 फीसदी गिरकर 3970 करोड़ डॉलर पर आ गया। एपल का अनुमान है कि स्मार्टफोन मार्केट सुस्ती के दौर से गुजर रहा है, खासतौर से अमेरिका में। हालांकि चीन में इसकी बिक्री मजबूत बनी हुई है। एपल के रेवेन्यू में सबसे अधिक हिस्सेदारी आईफोन की ही होती है।
आईपैड की बात करें तो इसकी बिक्री 20 फीसदी गिरकर 579 करोड़ डॉलर पर आ गई। वहीं मैक की बिक्री 7.3 फीसदी गिरकर 684 करोड़ डॉलर पर आ गई। एपल वॉच और एयर पॉड्स जैसी एक्सेसरीज की सेल्स 828 करोड़ डॉलर रही। सर्विसेज रेवेन्यू 8.2 फीसदी बढ़कर 2120 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई और इसे 100 करोड़ से अधिक पेड सब्सक्राइबर्स से सपोर्ट मिला। मौजूदा तिमाही की बात करें तो एपल का अनुमान है कि आईफोन और सर्विसेज का परफॉरमेंस सालाना आधार पर सुधरेगा। वहीं टैबलेट और मैक की बिक्री सुस्त रह सकती है। एक्सेसरीज को लेकर एपल पॉजिटिव दिख रही है।